मंगलवार को लखनऊ कोर्ट में किया सरेंडर
हाल ही में मंगलवार को राहुल गांधी लखनऊ की विशेष अदालत में एक मानहानि मामले में जमानत लेने के लिए पेश हुए। यह मामला उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों को पीटा। एक रिटायर्ड BRO अधिकारी ने इसे सेना का अपमान बताते हुए शिकायत की थी। हालांकि लखनऊ कोर्ट में 5 मिनट बाद ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को जमानत मिल गई। मोदी सरनेम के कारण लगा मानहानि का केस
बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है
जब राहुल गांधी पर मानहानि का केस लगा हो। इससे पहले भी कई बार राहुल गांधी पर अपने बयानों के कारण मानहानि का केस लग चुका है। 2023 में ‘सभी चोरों का नाम मोदी क्यों’ वाले बयान पर राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल की सजा भी हुई थी।
दोष सिद्ध होने पर कुछ समय के लिए लोकसभा सदस्यता
इस कारण से उनकी लोकसभा सदस्यता भी कुछ समय के लिए रद्द हो गई थी, हालांकि अपील के दौरान उन्हें जमानत मिली थी। इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने तर्क दिया था कि इस बयान से पूरे एक समुदाय को निशाना बनाया गया था।
2019 में भी कांग्रेस नेता पर हुआ था मुकदमा
2019 में राहुल गांधी के खिलाफ अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों द्वारा मुकदमे की सामना करना पड़ा था, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अनियमितताओं के आरोपों पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में अदालती समन जारी किया था लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी।
RSS पर की गई टिप्पणी पर दर्ज हुआ था केस
मुंबई और गुवाहाटी में RSS पर टिप्पणियों और 2014 में “RSS ने महात्मा गांधी की हत्या की” जैसे बयानों पर भी केस दर्ज हुए। इनमें से ज्यादातर में कोर्ट ने ट्रायल आगे बढ़ाने का आदेश दिया, लेकिन राहुल को जमानत मिली। वहीं नेशनल हेराल्ड केस में भी, जिसमें उन पर और उनकी मां सोनिया गांधी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है, 2015 में जमानत मिली थी। यह केस अभी भी चल रहा है।