जीप में कुल 13 लोग सवार थे। हादसे में 5 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें से तीन की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।
हादसा सोनी पुल के पास, गाड़ी बेकाबू होकर खाई में जा गिरी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा मंगलवार शाम करीब 4 बजे पिथौरागढ़ के मुवानी और बोकटा के बीच स्थित सोनी पुल के पास हुआ। जीप यात्रियों को लेकर बोकटा की ओर जा रही थी, लेकिन कुछ ही दूरी पर अचानक ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से हट गया। देखते ही देखते जीप 150 मीटर गहरी खाई में गिरती चली गई और नीचे नदी में जा गिरी। जीप के गिरने की आवाज सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। हादसा इतना भयानक था कि जीप के परखच्चे उड़ गए और नदी में लाशें और घायल बिखर गए।
SDRF-NDRF ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। पुलिस, एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और अन्य राहत-बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। नदी से 8 शव निकाले गए, जबकि 5 घायलों को रस्सियों की मदद से ऊपर खींचकर पास के मुवानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में भर्ती कराया गया।
मरने वालों की पहचान जारी, बोकटा क्षेत्र के निवासी थे सभी
पुलिस को घटनास्थल से कुछ दस्तावेज मिले हैं जिनके आधार पर मृतकों की पहचान की जा रही है। सभी मृतक और घायल बोकटा क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस, घायलों के बयान के आधार पर घटना की पूरी जानकारी जुटाने में लगी है।
उच्चाधिकारियों ने लिया घटनास्थल का जायजा
कुमाऊं मंडल के कमिश्नर दीपक रावत ने जानकारी दी कि जैसे ही हादसे की खबर मिली, राहत-बचाव दल को तुरंत मौके पर भेजा गया। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और ARTO की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। SSP रेखा यादव ने बताया कि गाड़ी मुवानी से बोकटा जा रही थी और तेज मोड़ पर नियंत्रण बिगड़ने की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।
दुर्घटना के कारणों की जांच जारी
फिलहाल हादसे की असली वजह सामने नहीं आ पाई है। प्रशासन का कहना है कि तकनीकी खामी, ड्राइवर की गलती या सड़क की खराब हालत किसी भी कारण को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। इसकी विस्तृत जांच की जा रही है।
घायलों का चल रहा इलाज, कुछ की हालत गंभीर
घायलों को मुवानी PHC में भर्ती कराया गया है, जहां प्राथमिक इलाज जारी है। गंभीर रूप से घायलों को आगे के इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया जा सकता है। प्रशासन पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने की बात कह रहा है।