SGPC की अपील: धर्म के नाम पर डर न फैलाएं
प्रताप सिंह ने इस हरकत की कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह के संदेश सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश हैं। उन्होंने कहा, “धमकियाँ देने वालों का कोई धर्म नहीं होता, उनका मकसद सिर्फ डर और अस्थिरता फैलाना है।” SGPC ने यह भी बताया कि श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कोई कमी नहीं आई है, और लोग रोज की तरह मत्था टेकने और लंगर में शामिल होने आ रहे हैं।
पुलिस जांच में तेजी, जल्द खुलासा संभव
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि जाँच तेज़ी से चल रही है और हम इस केस को सुलझाने के बहुत करीब हैं। मामले की जांच में केंद्र और राज्य की एजेंसियां एक साथ काम कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों मेल्स की भाषा और पैटर्न से लगता है कि इसके पीछे एक ही व्यक्ति या समूह हो सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त, सभी धार्मिक स्थलों पर अलर्ट
धमकियों को गंभीरता से लेते हुए स्वर्ण मंदिर और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पूरे अमृतसर शहर में पुलिस और खुफिया टीमें अलर्ट पर हैं। डिजिटल फुटप्रिंट्स, ईमेल ट्रेल और टेक्निकल एनालिसिस की मदद से दोषियों की पहचान की जा रही है।
यह धमकी कानून व्यवस्था के लिए चुनौती
इस तरह धार्मिक स्थल को निशाना बनाए जाने की धमकी न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह भारत की सांप्रदायिक एकता पर सीधा हमला है। SGPC और आम लोगों की ओर से शांति और भाईचारे की अपील एक साहसिक प्रतिक्रिया है। वहीं पुलिस और एजेंसियों की सतर्कता यह दिखाती है कि ऐसी साजिशें सफल नहीं होंगी।
कोई समाजकंटक भेज रहा है या फिर विदेशी कनेक्शन
अब सभी की निगाहें पुलिस जांच की प्रगति पर हैं। क्या यह मेल भारत में बैठा कोई समाजकंटक भेज रहा है या फिर विदेशी कनेक्शन है? जांच में सामने आ सकता है कि धमकी महज़ डर फैलाने की साजिश है या कोई बड़ी आतंकी साजिश।
साइबर सुरक्षा और ईमेल सर्विलांस की भूमिका सवालों के घेरे में
बहरहाल डिजिटल ट्रेसिंग और साइबर सुरक्षा के तहत लगातार मेल भेजे जा रहे हैं, जिससे साइबर सुरक्षा और ईमेल सर्विलांस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा नीति
क्या अब भारत को प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए एक सख्त सुरक्षा गाइडलाइन जारी करनी चाहिए? जनता में भय बनाम आस्था
धमकी के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि आतंक का जवाब ‘आस्था’ ही है।