रेहम खान ने कहा- अब मैं अपनी शर्तों पर आगे बढ़ूंगी
रेहम ने यह भी बताया कि वह पहले कभी राजनीति में सिर्फ किसी कहने पर शामिल हुई थीं, लेकिन अब उन्होंने खुद आगे आने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “अब मैं अपनी मर्ज़ी और शर्तों के साथ राजनीति में आई हूं। कोई मुझे पीछे से नहीं चला रहा।”
पाकिस्तान में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी
अपने संबोधन में रेहम खान ने पाकिस्तान में स्वास्थ्य, पानी और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी को भी मुद्दा बनाया। उन्होंने बताया कि 2012 से लेकर अब तक हालात बेहतर होने की बजाय और बिगड़े हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
वंशवाद के खिलाफ रेहम का सख्त रुख
रेहम खान ने पाकिस्तानी राजनीति में वंशवाद पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी राजनीतिक वंश या पारिवारिक समर्थन के बिना बनाई गई है। यह एक स्वतंत्र और जनआधारित आंदोलन होगा, जो असली बदलाव लाएगा।
राजनीतिक गलियारों में बड़ी खलबली
रेहम खान के राजनीतिक मैदान में कदम रखने के फैसले को पाकिस्तान की राजनीतिक गलियारों में बड़े उत्साह और हड़कंप के रूप में देखा जा रहा है। कई विशेषज्ञ इसे देश की राजनीति में बदलाव की शुरुआत मान रहे हैं, जबकि कुछ पारंपरिक राजनीतिक दल इसे चुनौती के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस खबर ने लोगों की ध्यान खींचा है और बहस छिड़ गई है कि क्या रेहम खान वास्तव में पाकिस्तान की राजनीति में नया चेहरा बन सकती हैं।
पाकिस्तान रिपब्लिक पार्टी’ की राजनीतिक जमीन अहम कारक
अब सवाल उठता है कि रेहम खान की पार्टी ‘पाकिस्तान रिपब्लिक पार्टी’ की राजनीतिक जमीन कितनी मजबूत होगी। आने वाले महीनों में पार्टी की रूपरेखा, सदस्यता अभियान और चुनावी रणनीति पर नजर रखी जाएगी। साथ ही, यह देखना होगा कि पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक दल इस नए खिलाड़ी को कितना चुनौती देंगे और क्या रेहम खान चुनावी मैदान में सफल हो पाएंगी। हमारी टीम इस मामले पर लगातार अपडेट लेकर आएगी।
राजनीतिक अस्थिरता और आम जनता में असंतोष
रेहम खान की राजनीति में एंट्री एक ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और आम जनता में असंतोष बढ़ रहा है। उनकी पत्रकारिता पृष्ठभूमि और सामाजिक मुद्दों पर सक्रियता उन्हें एक अलग पहचान देती है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने राजनीतिक कदमों में कितनी ईमानदारी से वंशवाद और भ्रष्टाचार जैसे जटिल मुद्दों से लड़ पाती हैं, जो पाकिस्तान की राजनीति की जड़ें हैं।