पाबंदी होती तो विदेश में खेलने नहीं भेजते
रोहित ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, हमारे गांव में कोई भी अपने बच्चो पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाता है। उन्होंने कहा कि, राधिका को अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने से रोका जाता था यह बात पूरी तरह से गलत है क्योंकि अगर ऐसा होता तो उसके पिता दीपक यादव उसकी ट्रेनिंग पर इतना पैसा खर्च नहीं करते और उसे अलग अलग देशों में टेनिस खेलने नहीं भेजते। उन्होंगे आगे कहा, यह घटना क्यों हुई है इसकी सच्चाई सिर्फ परिवार जानता है।
क्या है पूरा मामला
राधिका की गुरुग्राम स्थित उनके घर पर उनके पिता ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। पुलिस जानकारी के अनुसार, राधिका और उनके पिता के बीच राधिका के एकेडमी चलाने को लेकर विवाद था। यह विवाद इतना बढ़ गया था कि गुरुवार को गुस्से में आकर दीपक यादव ने रसोई में काम कर रही अपनी बेटी को पीछे से गोली मार दी। दीपक ने गुस्से में लगातार पांच बार फायरिंग की जिसमें से चार गोली राधिका को लगी और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दीपक को गिरफ्तार कर लिया था, जिसने पुलिस पुछताछ के दौरान अपना गुनाह कबूल किया। दीपक ने कहा कि, लोग उसे बेटी की कमाई खाने का ताना देते थे और इस बात से उसे काफी मानसिक तनाव था। इसी के चलते उसने कई बार राधिका से एकेडमी बंद करने की बात कही लेकिन राधिका ने उसकी बात नहीं मानी तो गुस्से में आकर उसने बेटी पर गोली चला दी।
दोस्त ने पिता पर लगाए थे इल्जाम
राधिका की मौत के तीन ही दीन बाद उनकी दोस्त हिमांशिका ने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो शेयर कर राधिका के पिता पर लंबे समय से उनका मानसिक शोषण करने के आरोप लगाए थे। हिमांशिका ने वीडियो में कहा था कि, राधिका के पिता रूढ़िवादी विचारधारा के थे और उसे कहीं भी जाने आने से रोक टोक करते थे। उन्हें राधिका के छोटे कपड़े पहनने और दोस्तों से मिलने से भी परेशानी थी। हिमांशिका ने कहा था कि, राधिका के पिता ने अपने दोस्तों की बातों में आकर अपनी बेटी की हत्या कर दी।