Nipah Virus Death: 58 साल के व्यक्ति की हुई मौत
निपाह वायरस के चलते कुमारमपुथुर के एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। शनिवार रात मलप्पुरम जिले के पेरिंथलमन्ना स्थित एक निजी अस्पताल में व्यक्ति ने अपना दम तोड़ा। निपाह वायरस की जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस व्यक्ति का बुखार और अन्य संबंधित लक्षणों का इलाज चल रहा था, तभी उसकी हालत बिगड़ गई। पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) को भेजे गए उसके नमूनों में बाद में निपाह वायरस की पुष्टि हुई, जिससे खलबली मच गई।
रोकथाम के लिए एक्टिव हुए अधिकारी
एनआईवी से आधिकारिक पुष्टि मिलने से पहले ही, पलक्कड़ और मलप्पुरम के स्वास्थ्य अधिकारी संपर्कों का पता लगाने और रोकथाम के उपायों के साथ सक्रिय हो गए। अब तक, पिछले तीन हफ्तों में मृतक के संपर्क में आए 46 लोगों की पहचान कर उन्हें निगरानी में रखा गया है। उधर, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि मृतक की एक डिटेल संपर्क सूची और रूट मैप पहले ही तैयार कर लिया गया है और एनआईवी की पुष्टि के बाद औपचारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।
मृतक की गतिविधियों और बातचीत का पता लगाने में मदद के लिए निगरानी फुटेज की भी जांच की गई। अधिकारियों ने संभावित संपर्क की सीरीज का पता लगाने के लिए एक लिस्ट भी तैयार की है।
कुमारमपुथुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कई टीमें घर-घर जाकर लक्षणों की निगरानी कर रही हैं और निवासियों को निवारक उपायों के बारे में शिक्षित कर रही हैं।
जॉर्ज ने कहा कि हम वायरस को रोकने के लिए मजबूती से काम कर रहे हैं, इसके लिए अपनी स्वास्थ्य टीमों को मजबूत कर रहे हैं। मंत्री ने जनता को, विशेष रूप से पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों में, अनावश्यक रूप से अस्पताल जाने से बचने की सलाह दी और अस्पतालों को आसपास खड़े लोगों की संख्या सीमित करने का निर्देश दिया।
फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य
मरीजों, देखभाल करने वालों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए फेस मास्क का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। पूरे केरल में कुल 543 व्यक्ति वर्तमान में चिकित्सा निगरानी में हैं। इनमें पलक्कड़ में 219, मलप्पुरम में 208, कोझीकोड में 114 और एर्नाकुलम में दो मामले शामिल हैं। एहतियात के तौर पर कोझीकोड, त्रिशूर, कन्नूर और वायनाड जिलों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। पिछले एक साल में केरल में निपाह का यह छठा मामला सामने आया है। इससे पहले जुलाई 2024 में पांडिक्कड़ में एक 14 वर्षीय लड़के और सितंबर 2024 में वंदूर में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई थी, दोनों की ही इस वायरस के कारण मृत्यु हो गई थी। बता दें कि इस वायरस के बारे में माना जाता है कि यह फल चमगादड़ों से फैलता है।