तीसरे टेस्ट के पांचवें दिन रवींद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज क्रीज पर थे और पूरे हिंदुस्तान की उम्मीदें इस आखिरी जोड़ी पर थी। शोएब बशीर की एक टॉप स्पिन गेंद ने सिराज के स्टम्प्स की गिल्लयां बिखेर दी और भारत के नाम सीरीज में एक और हार दर्ज हो गई। इस जीत के बाद शोएब बशीर के साथ पूरा इंग्लैंड खेमा जश्न में डूब गया। अगले दिन इंग्लैंड क्रिकेट की ओर से अबडेट आया और शोएब बशीर को बचे हुए दोनों मुकाबलों से बाहर कर दिया गया।
बशीर को तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन चोट लगी थी। इंग्लैंड की दूसरी पारी में उनके बल्लेबाजी करने पर भी संदेह था लेकिन वह मैदान पर उतरे। बशीर की जगह लियाम डॉसन को चौथे टेस्ट मैच के लिए इंग्लैंड की टीम में शामिल किया गया है। चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में 23 जुलाई से खेला जाएगा। इस मुकाबले में अगर डॉसन को प्लेइंग 11 में मौका मिलता है तो 8 साल बाद वह इंग्लैंड के लिए दोबारा रेड बॉल मुकाबला खेलते नजर आएंगे।
डॉसन ने साल 2016 में भारत के खिलाफ ही टेस्ट डेब्यू किया था। हालांकि गेंद और बल्ले से कमाल न कर पाने के बाद उन्हें 2017 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मुकाबले के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। डॉसन ने भारत के खिलाफ भारत में एक और साउथ अफ्रीका के खिलाफ इंग्लैंड में दो टेस्ट मैच खेले हैं। टेस्ट में 84 रन बनाने के साथ 7 विकेट चटकाने वाले डॉसन ने व्हाइट बॉल क्रिकेट में धमाल मचाकर चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया।
कौन होता है ऑर्थोडॉक्स स्पिनर?
शोएब बशीर के बाहर होने के बाद डॉसन को इंग्लैंड की टीम में सिर्फ चौथे मुकाबले के लिए शामिल किया गया है। डॉसन ने भारत के खिलाफ जो एक मैच खेला था, उसमें सिर्फ 2 विकेट हासिल किए थे। डॉसन बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं। ऑर्थोडॉक्स स्पिनर आमतौर पर उंगलियों से गेंद को स्पिन कराते हैं। ऑर्थोडॉक्स स्पिनर्स की गेंद आमतौर पर कम घुमती है लेकिन सटीकता के मामले में कलाई के स्पिनर्स से ज्यादा प्रभावी होते हैं।
फर्स्ट क्लास में गजब का रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अब तक अपनी जगह पक्की करने में असफल रहने वाले डॉसन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दिग्गजों की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने उन्होंने 212 मुकाबलों में 371 विकेट चटकाए हैं, जिसमें 15 बार फाइव विकेट हॉल और 3 बार 10 विकेट हॉल शामिल है। 51 रन देकर 7 विकेट, उनका बेस्ट बॉलिंग प्रदर्शन है तो मैच में 130 रन देकर 12 विकेट हासिल कर जगब का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।
घरेलू क्रिकेट में गरजता है बल्ला
डॉसन ने न सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी कमाल किया है। वह अब तक फर्स्ट क्लास में 35 की औसत से 10731 रन बना चुके हैं, जिसमें 18 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। गेंद और बल्ले के अलावा फील्ड में वह हैरतंगेज कैच के लिए भी जाने जाते हैं। डॉसन ने फील्डिंग में जौहर दिखाते हुए 207 कैच भी लपके हैं। इस शानदार ऑलराउंडर के शामिल होने से न सिर्फ इंग्लैंड की बैटिंग और बॉलिंग को मजबूती मिलेगी, बल्कि उनकी फील्डिंग भी ज्यादा बेहतर हो जाएगी।