मामले की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत सदस्य तुलिका कर्मा शनिवार को बारसूर पहुंचीं और कार्य को रुकवाया। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष और सीएमओ ने परिषद की मंजूरी के बिना यह कार्य प्रारंभ कराया, जो नियम विरुद्ध और शहीदों के सम्मान के खिलाफ है।
तुलिका ने कहा कि यह मामला केवल एक स्मारक का नहीं, बल्कि देश के लिए प्राण देने वाले जवानों के सम्मान से जुड़ा है। उन्होंने नगर पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि जब तक परिषद में प्रस्ताव पारित न हो, तब तक कार्य पूर्णत: बंद रहे। साथ ही बैठक लेकर इस मुद्दे का समाधान सर्वसम्मति से निकालने की बात कही।
लगातार नियमों की अनदेखी हो रही
उन्होंने
भाजपा शासित नगर पंचायत पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने के बाद से बारसूर में लगातार नियमों की अनदेखी हो रही है और व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने की मंशा से कार्य किए जा रहे हैं। बिना परिषद की मंजूरी कई निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।