बैठक के दौरान डीएम ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई और कहा कि संबंधित अधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें और योजनाओं को जमीन पर उतारें।
गांव-गांव जाकर लोगों की शिकायतें सुने अफसर
आईजीआरएस पोर्टल पर लगातार मिल रही शिकायतों का जिक्र करते हुए डीएम ने कहा कि जिस गांव से सबसे ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं, वहां के एसडीएम खुद जाकर लोगों से मिलें और सभी समस्याओं का शत-प्रतिशत निस्तारण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही बरतने पर भी अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि जिन लाभार्थियों को पहली किश्त मिल चुकी है, उन्हें समय पर दूसरी किश्त दिलाई जाए।
गन्ना किसानों के रुके भुगतान पर जताई चिंता
गन्ना किसानों को लंबित भुगतान को लेकर भी डीएम ने चिंता जताई और जल्द भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही आय व निवास प्रमाणपत्र समय से जारी करने, धारा 80 और 24 के तहत लंबित मामलों, पट्टा आवंटन और अंश निर्धारण से जुड़े विवादों को जल्द से जल्द निपटाने को कहा। जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को निर्देश दिए कि इन सभी बिंदुओं की समीक्षा सप्ताह में कम से कम एक बार की जाए, ताकि जिले की रैंकिंग में सुधार हो सके।
बैठक में ये अफसर रहे मौजूद
बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर सौरभ दुबे, एडीएम प्रशासन पूर्णिमा सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष सिंह, उपायुक्त उद्योग विकास यादव सहित सभी एसडीएम और तहसीलदार मौजूद रहे। डीएम ने दो टूक कहा कि अब फील्ड में जाकर काम करना होगा, बैठकों और कागजों में योजनाओं की प्रगति नहीं चलेगी। जनता की शिकायतों का समाधान ही असली उपलब्धि मानी जाएगी।