16 जुलाई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सरिस्का प्रशासन की ओर से सीईसी के निर्देश पर सीटीएच का नया ड्राट तैयार किया गया है। कमेटी ने ड्राट प्रदेश सरकार को भेज दिया। वहां से मंजूरी मिलने के बाद उसे राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड भेजा गया, जहां से उसे मंजूर कर दिया गया। अब मामला 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। इस ड्राट पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए थे। आरोप लगाए थे कि इस ड्राट के जरिए कई बंद खानें खुल जाएंगी और वन्यजीवों को इससे नुकसान होगा।
टाइगरों का निवास
इसके अलावा यह भी कहा था कि जहां खानें बंद हैं, वहां पर वन्यजीव निवास करते हैं। टाइगर आवास बना चुके हैं, फिर भी उस एरिया को ड्राट में शामिल नहीं किया गया। इसके अलावा कई अन्य नाको के एरिया भी इस ड्राट में शामिल नहीं किए गए, जबकि वह क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट में शामिल किए जाने थे। उन एरिया में टाइगरों का निवास है। जूली का कहना है कि 15 जुलाई को उनकी एक महत्वपूर्ण बैठक है, शायद वह दिल्ली न पहुंच पाएं। उन्होंने सीईसी से दूसरी तिथि बैठक के लिए मांगी है ताकि वह सरिस्का पर अपनी बात रख सकें।
सरिस्का प्रशासन ने माना टाइगर का निवास
वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि जुलाई 2024 में सीईसी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी थी, जिसमें सरिस्का ने खुद बताया है कि टहला एरिया में एसटी 27 और उनके दो शावक रहते हैं। यानी सरिस्का प्रशासन ने खुद कहा है कि वहां टाइगर का निवास है। वन्यजीव प्रेमी कहते हैं कि खानों के बंद होने के बाद वहां टाइगरों ने शावकों को जन्म दिया है। यानी खानों के कारण वे प्रभावित थे। यह एरिया सीटीएच के नए ड्राट में शामिल किया जाना था, जो नहीं किया गया।