धरती पर लौटे शुक्ला
भारतीय वायुसेना के
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से धरती पर लौट आए हैं। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी, क्योंकि शुभांशु 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु ने 18 दिन आईएसएस पर बिताए, जहां उन्होंने जैव चिकित्सा, तंत्रिका विज्ञान, और अंतरिक्ष कृषि जैसे क्षेत्रों में 60 से अधिक प्रयोग किए।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता के इस बयान ने सोशल मीडिया लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी। एक यूजर ने एक्स पर लिखा- तो उदित राज के अनुसार अंतरिक्ष मिशन अब एक लकी ड्रॉ बन गए हैं-“माफ़ कीजिए शुक्ला जी, आज दलित दिवस था, कृपया हट जाइए।”किसी को उन्हें याद दिलाना चाहिए कि यह बिग बॉस नहीं, एक अंतरिक्ष कार्यक्रम है। अंतरिक्ष यात्रियों का चयन जाति से नहीं, बल्कि उनकी योग्यता से होता है। गुरुत्वाकर्षण को आपके उपनाम की परवाह नहीं है और शून्य गुरुत्वाकर्षण को भी नहीं। एक अन्य यूजर ने भी लिखा- दुर्भाग्य से उदित राज जैसे लोगों के लिए, स्पेसएक्स और नासा आरक्षण प्रणाली का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं, जबकि ये दुनिया के सबसे सफल अंतरिक्ष प्रयासों में से एक हैं। वे जाति पर नहीं, बल्कि क्षमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
एक यूजर ने एक्स पर लिखा- कोई भी? मतलब क्या? किसी प्रशिक्षण या योग्यता की आवश्यकता नहीं है? अंतरिक्ष में जाने के लिए सिर्फ दलित या ओबीसी सर्टिफिकेट चलेगा? पहले उस प्रमाणपत्र के साथ शेंगेन या अमेरिकी वीज़ा प्राप्त करने का प्रयास करें! अंतरिक्ष में भी आरक्षण चाहिए! इनका बस चले तो ऊपर स्वर्ग में भी आरक्षण मांग ले।
कांग्रेस ने भी झाड़ा पल्ला
उदित राज के इस बयान से कांग्रेस ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा- वे इस बयान से सहमत नहीं हैं और अंतरिक्ष यात्रा के लिए विशेष प्रशिक्षण और चयन प्रक्रिया की आवश्यकता होती है, जिसे जातिगत दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।