अबूझमाड़ की गोद में छिपा रोमांच और रहस्य का खजाना (Photo source- Patrika)
CG Tourism: एक समय था जब छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ क्षेत्र सिर्फ नक्सलियों की धमक और डर के लिए जाना जाता था। घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसे इस इलाके का नाम सुनते ही मन में भय की छाया उतर आती थी। लेकिन समय बदला है। अब वही अबूझमाड़ शांति, हरियाली और पर्यटन की नई पहचान गढ़ रहा है। इसी बदलाव की मिसाल है कच्चापाल जलप्रपात, जो नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है।
यह जलप्रपात वर्षों तक आतंक और अनदेखेपन की चादर में लिपटा रहा, लेकिन अब इसकी नैसर्गिक सुंदरता और रहस्यमयी आभा पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है। ऊँचाई से गिरती जलधारा, चारों ओर घना जंगल और शांति की नमी—यह स्थान अबूझमाड़ की एक नई तस्वीर पेश करता है।
CG Tourism: प्रकृति की गोद में बस्तर की रहस्यमयी कहानियां
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्थित अबूझमाड़ का नाम सुनते ही रहस्य, रोमांच और आदिवासी संस्कृति की छवि उभर आती है। इन्हीं जंगलों की गोद में छिपा है एक प्राकृतिक चमत्कार – कच्चापाल जलप्रपात। यह जलप्रपात न केवल अपनी खूबसूरती के लिए बल्कि उससे जुड़ी रहस्यमयी कहानियों और दुर्गम यात्रा मार्ग के लिए भी जाना जाता है।
जलप्रपात की अनोखी सुंदरता
कच्चापाल जलप्रपात लगभग 120 फीट की ऊँचाई से गिरता है। मानसून के समय इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। चारों ओर घना जंगल, पक्षियों की चहचहाहट और बहते जल की तेज गर्जना मिलकर एक जादुई माहौल रचते हैं। आसपास की हरियाली इसे और भी मनमोहक बनाती है।
दुर्गमता में छिपा सौंदर्य
यह जलप्रपात अब भी काफी हद तक अनछुआ है। न तो भीड़ है, न बाजार। यह स्थान उन्हें आकर्षित करता है जो प्रकृति को उसकी असली, कच्ची और जंगली रूप में देखना चाहते हैं। नारायणपुर से कच्चापाल तक पहुंचने के लिए करीब 30 किलोमीटर पक्की सड़क है, उसके बाद 5–7 किलोमीटर का रास्ता कच्चा और ऊबड़-खाबड़ है, जिसे या तो पैदल या बाइक से पार किया जा सकता है। रास्ता कठिन जरूर है, लेकिन प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक रोमांचकारी यात्रा है।
रहस्य और लोककथाएं
अबूझमाड़ आदिवासी लोककथाओं और रहस्य से भरा क्षेत्र है। कच्चापाल जलप्रपात को लेकर भी कई कहानियाँ प्रचलित हैं— स्थानीय लोग मानते हैं कि इस जलप्रपात के नीचे एक गुफा है, जो गहरे जंगलों तक जाती है, और वहां देव आत्माएं वास करती हैं।
एक पुरानी कथा के अनुसार, एक चरवाहा अपने मवेशियों के साथ यहां गया था, और कभी लौटकर नहीं आया। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि पूर्णिमा की रात को यहां चमकती रोशनी और अजीब ध्वनियाँ सुनाई देती हैं, जो साधारण मानव की नहीं होतीं।
पर्यटन की स्थिति और प्रशासनिक पहल
CG Tourism: कच्चापाल जलप्रपात अब धीरे-धीरे पर्यटन मानचित्र पर उभर रहा है। कुछ एडवेंचर ग्रुप्स और स्थानीय युवाओं द्वारा यहां इको-ट्रेकिंग और घूमने के गाइडेड टूर की शुरुआत की गई है।
हालांकि, अभी तक यहां सरकारी स्तर पर कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ है। न तो पक्की सड़क है, न विश्रामगृह और न ही शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतज़ाम नहीं हैं। लेकिन अगर प्रशासन इच्छाशक्ति दिखाए तो यह स्थान छत्तीसगढ़ के सबसे सुंदर और अनोखे पर्यटक स्थलों में से एक बन सकता है।
Hindi News / Narayanpur / CG Tourism: जहां कभी खामोशी थी… वहां अब गूंज रही सैलानियों की हंसी, रोमांच और रहस्य से भरा है यह जलप्रपात