मुंबई कांग्रेस में घमासान क्यों?
आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC Elections 2025) को देखते हुए भायखला में कांग्रेस ने ‘संविधान जिंदाबाद जनसभा’ आयोजित की, जिसमें वर्षा गायकवाड से लेकर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कार्यकर्ताओं को आगामी बीएमसी चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। इस सभा में कांग्रेस विधायक अमीन पटेल और असलम शेख जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप और वरिष्ठ नेता नसीम खान इस कार्यक्रम में कहीं नजर नहीं आये। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नसीम खान और भाई जगताप दोनों ही वर्षा गायकवाड के नेतृत्व से नाराज हैं और अब उन्होंने दिल्ली हाईकमान का रुख किया है। बताया जा रहा है कि वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने पहुंचे हैं। भले ही यह मुलाकात किसी अन्य कारण से हो रही हो, लेकिन अंदरखाने यह भी खबर है कि वे मुंबई कांग्रेस में खुद को नजरअंदाज किए जाने की शिकायत भी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से करने वाले हैं।
इस घटनाक्रम से संकेत मिल रहे हैं कि आगामी दिनों में मुंबई कांग्रेस में वर्षा गायकवाड के खिलाफ आंतरिक विरोध और गुटबाजी तेज हो सकती है। हालांकि, इस मुद्दे पर पार्टी की ओर से अभी तक औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। चुनावी मौसम में जब पार्टी को एकजुटता की जरूरत है, तब ऐसी अंदरूनी कलह पार्टी की रणनीतियों को झटका दे सकती हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस अंदरूनी कलह को किस तरह संभालता है और पार्टी पर इसके क्या परिणाम होते हैं।
गौरतलब है कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC Election) की घोषणा चंद महीनों में हो सकती है। महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों, 248 नगर परिषदों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले हैं। ये चुनाव 2029 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सबसे अहम चुनाव है।