Rahul Gandhi Bail : सेना पर बयान को लेकर कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी, लखनऊ कोर्ट से मिली जमानत
Rahul Gandhi Granted Bail :लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पेशी सोमवार को एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में सामने आई। सेना पर दिए बयान को लेकर दर्ज मानहानि केस में पेश हुए राहुल गांधी को कोर्ट ने दो जमानतों के आधार पर राहत दी। कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम रहे।
राहुल गांधी को लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली जमानत फोटो सोर्स : Social Media X
Rahul Gandhi Granted Bail by Lucknow Court: राजधानी लखनऊ में सोमवार को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और कानूनी घटनाक्रम देखने को मिला जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। यह पेशी सेना पर दिए गए कथित मानहानिकर बयान को लेकर दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी को बीस-बीस हजार रुपये की दो जमानतें दाखिल करने के निर्देश के साथ जमानत दे दी।
यह केस राहुल गांधी द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कथित रूप से दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनका यह बयान विपक्षी नेताओं द्वारा “सेना का मनोबल गिराने वाला” और “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताया गया था। इसी सिलसिले में एक स्थानीय वकील की शिकायत पर उनके खिलाफ कैसरबाग स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज किया गया था।
कोर्ट की कार्यवाही
सोमवार को राहुल गांधी सुबह लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। वहां से वे सीधे कैसरबाग स्थित कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था रही। पेशी के दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी उनके साथ मौजूद रहे, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी, राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे, सांसद किशोरी लाल शर्मा, विधायक आराधना मिश्रा मोना, समेत कई अन्य नेता शामिल रहे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकीलों ने जमानत याचिका दाखिल की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने उन्हें 20,000-20,000 रुपये की दो अलग-अलग जमानतें दाखिल करने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्हें अंतरिम राहत मिल गई।
क्या कहा गया कोर्ट में
राहुल गांधी की ओर से कोर्ट में कहा गया कि उनका उद्देश्य किसी संस्था या व्यक्ति की मानहानि करना नहीं था। बयान को राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। वहीं वादी पक्ष ने कहा कि उनका बयान सेनाओं के मनोबल को तोड़ने वाला था, जो कि आपराधिक दायरे में आता है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद राहुल गांधी को राहत दी और अगली सुनवाई की तिथि तय की गई।
मामला क्यों है अहम
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक राष्ट्रीय स्तर के नेता से जुड़ा है जो अब संसद में विपक्ष का चेहरा हैं। इसके अलावा सेना जैसे सम्मानित संस्थान पर किसी भी नेता की टिप्पणी को लेकर भारतीय समाज काफी संवेदनशील है। राहुल गांधी के बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा किया, बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का नया सिलसिला शुरू कर दिया।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
राहुल गांधी की पेशी को देखते हुए लखनऊ पुलिस ने कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया। बैरिकेडिंग, सघन चेकिंग और वीआईपी मूवमेंट को लेकर कई मार्गों पर यातायात भी प्रभावित रहा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त PAC भी तैनात की गई थी।
राजनीतिक बयानबाज़ी
कांग्रेस पार्टी ने इस केस को राहुल गांधी के खिलाफ “राजनीतिक बदले की भावना” से प्रेरित बताया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह सरकार की एक रणनीति है जिससे वह राहुल गांधी की लोकप्रियता को रोकना चाहती है। वहीं भाजपा ने कहा कि यह कानून का मामला है और राहुल गांधी को अपनी बात कोर्ट में रखनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ताओं ने दावा किया कि “सेना पर गलत टिप्पणी कर राहुल गांधी ने देश का अपमान किया है।”
राहुल गांधी को जमानत मिलने के बाद अब अगली सुनवाई पर फैसला होगा कि केस में चार्ज फ्रेम किए जाएंगे या नहीं। यदि चार्ज तय होते हैं, तो यह मामला आगे लंबा खिंच सकता है। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी इस मामले को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं या इसे केवल कानूनी प्रक्रिया तक सीमित रखते हैं।
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