नई लोकेशन के आस-पास सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज का गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग छात्रावास और डॉक्टर्स क्वार्टर हैं। प्रस्तावित स्थान पर निर्माण की जानकारी मिलने के बाद से छात्राओं और स्थानीय लोगों में असंतोष है। उनका कहना है कि यह स्थान शैक्षणिक व आवासीय उपयोग के लिए है और मुर्दाघर जैसे स्थान से मानसिक और सामाजिक रूप से परेशानी हो सकती है। यहां मुर्दाघर के साथ ही पुलिस थाने के लिए भी भवन बनेगा।
असहज: छात्राओं ने फैसले पर जताई आपत्ति
गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि जहां वे पढ़ाई और प्रशिक्षण ले रही हैं, उसी परिसर में मृतकों को लाया जाना और पोस्टमार्टम जैसी प्रक्रिया होना असहज करने वाला है। कई छात्राओं का कहना है कि रात को मुर्दाघर के पास से गुजरना उनके लिए डरावना और मानसिक रूप से असहज करने वाला होगा।
अड़चन: शवों को लाने-ले जाने में लगेगा ज्यादा समय
नए स्थान पर मुर्दाघर बनने से एक और समस्या सामने आएगी। ट्रोमा सेंटर और मुख्य अस्पताल भवन से इसकी दूरी। फिलहाल जो मुर्दाघर अस्पताल भवन के पास है, वहां से शव लाने-ले जाने में समय नहीं लगता। लेकिन नए स्थान से ट्रोमा सेंटर तक शवों की आवाजाही के लिए अधिक समय, संसाधन और स्टाफ की जरूरत होगी। गंभीर मामलों में समय की बचत बेहद अहम होती है, ऐसे में दूरस्थ स्थान पर बना मुर्दाघर अस्पताल की कार्यशैली में अड़चन बन सकता है।
अत्याधुनिक: चार मंजिला होगा भवन
अस्पताल प्रशासन के अनुसार मुर्दाघर व पुलिस थाने के भवन भूतल समेत चार मंजिला होगी। बताया जा रहा है कि नई मोर्चरी की क्षमता वर्तमान की तुलना में अधिक होगी। यह आधुनिक तकनीक से भी लैस होगी। इसमें शवों के बेहतर संरक्षण के लिए एडवांस कोल्ड स्टोरेज सिस्टम, डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम और सुव्यवस्थित पोस्टमार्टम रूम शामिल होगा। पुलिस थाना की नई बिल्डिंग बनने से कानून व्यवस्था और मजबूत होगी।