उन्होंने बताया कि राजस्थान की कामकाजी आबादी अब कुल जनसंख्या का 63% हो चुकी है, जो आने वाले वर्षों में प्रदेश को सबसे युवा और दक्ष राज्य बना सकती है। इस शक्ति को यदि सही दिशा और प्रशिक्षण मिले, तो यह भारत को वैश्विक नेतृत्व देने वाली ताकत बन सकती है।
राज्य सरकार द्वारा अब तक 3 लाख से अधिक युवाओं को 663 कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 683 करोड़ रुपए से अधिक का कौशल भत्ता वितरित किया गया है। कार्यक्रम में पान की दुकान चलाने वाले कोलकाता के पिंटू पोहन की प्रेरक कहानी भी साझा की गई, जिन्होंने 12 उपन्यास और 200 कहानियां लिखीं। वहीं, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा 41 वर्षों बाद अंतरिक्ष में तिरंगा लहराने की ऐतिहासिक उपलब्धि का भी ज़िक्र हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन “भारत के पास दो सबसे बड़ी ताकतें हैं। डेमोक्रेसी और डेमोग्राफी” को उद्धृत करते हुए मंत्री राठौड़ ने कहा कि भारत की युवा शक्ति ही वैश्विक नेतृत्व की दिशा तय करेगी।
कार्यक्रम में TCS द्वारा विकसित ‘कॅरियरक्रिएटर’ पोर्टल लॉन्च किया गया, जो युवाओं को कैरियर चयन, आत्म मूल्यांकन और स्किल गाइडेंस जैसी सेवाएं निःशुल्क प्रदान करेगा। यह प्लेटफॉर्म युवाओं को 21वीं सदी के कॅरियर अनुरूप तैयार करने में सहायक होगा।
कार्यक्रम में स्किल आइकन्स, एनसीवीटी टॉपर्स और स्किल एम्बेसडर्स को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने कौशल के क्षेत्र में राज्य और देश को गौरव दिलाया है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान का युवा न केवल देश में बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी छाप छोड़े।