बीते दो साल से पौधों का हुआ नुकसान वन विभाग की केन्द्रीय पौधशाला में बीते दो साल से तैयार पौधों जलभराव का शिकार हो गए। गत वर्ष पोखरा की तरफ भारी जलभराव होने से यहां नर्सरी में पानी भर गया और तैयारी बड़ी संख्या में पौधों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले भी केन्द्रीय नर्सरी में काफी पौधे वितरण से पहले खराब हो गए थे। इस दफा विभाग ने मानसून के सीजन की पहले शुरुआत को देखते हुए विभागों का वितरण कार्य २० जून से शुरू कर दिया था। सरकारी महकमों को हरियालो राजस्थान अभियान के तहत नर्सरियों से 9.10 लाख पौधे बांटे जाएंगे। जबकि आमजन के लिए 3 लाख पौधे अलग से तैयार किए गए हैं।
पौधे उठाए पर लगाए नहीं.. बीते साल कई सरकारी महकमों से पौधशालाओं से लक्ष्य के चलते पौधे तो उठा लिए लेकिन इसमें से काफी पौधे नहीं लग पाए। कई पौधे तो कार्यालय परिसर में रखे-रखे ही दम तोड़ गए। वन विभाग ने भी मचकुण्ड और शेरगढ़ किले के आसपास कई स्थानों पर पौधे लगाए लेकिन देखरेख की अभाव काफी पौधे दम तोड़ गए।
निजी नर्सरियों में सजावटी पौधों की बाहर उधर, शहर में विभिन्न स्थानों पर करीब आधा दर्जन से अधिक निजी नर्सरियां हैं। इसमें ज्यादातर सजावटी और मानसूनी सीजन के पौधे हैं। नर्सरियों में आगरा, फिरोजाबाद, मेरठ, फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्थानों से पौधे लाए जा रहे हैं। निजी नर्सरियों पौधों के दाम अधिक हैं। यहां पर अच्छे सजावटी पौधों के साथ 250 से 300 रुपए तक हैं। पौधे के साथ खूबसूरज गमले भी मौजूद हैं। लोग विशेष कर बालकनी में रखने और लटकाने के लिए हैङ्क्षगग गमले लेकर जा रहे हैं।
– विभिन्न विभाग समेत आमजन को अभी दो हफ्तों में १.८० लाख पौधों का वितरण हो चुका है। वितरण कार्य बेहतर चल रहा है। और भी प्रचार प्रसार करेंगे, जिससे आमजन भी पौधे नर्सरियों से ले जा सकेंगे। आमजन के लिए ३ लाख पौधे अलग से तैयार किए गए हैं।
– वी.चेतन कुमार, डीएफओ धौलपुर