श्रमिक अपने काम के दौरान, लंच ब्रेक में या काम के तुरंत बाद पढ़ाई कर सकेंगे। इससे उनकी मजदूरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करना है, जिससे वे हस्ताक्षर करना, छोटी गणनाएं करना और रोजमर्रा की भाषा समझ सकें।
साक्षरता से श्रमिकों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे सरकारी योजनाओं एवं अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हो पाएंगे। इससे उनका सामाजिक सशक्तीकरण भी होगा। यह पहल मनरेगा को रोजगार योजना से आगे ले जाकर एक सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाएगी।
हाल ही में जिला स्तर पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें ब्लॉक के अधिकारी, शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि, ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक और महिला मेटों ने भाग लिया। अब ये प्रतिभागी 17 जुलाई को होने वाले ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाएंगे।
-यह कार्यक्रम 1 जुलाई से 30 नवंबर तक चलेगा।
-पहले माह में आधार पहचान और हस्ताक्षर का ज्ञान दिया जाएगा।
-दूसरे माह में गणना और दैनिक जीवन में उपयोगी भाषा कौशल पर ध्यान दिया जाएगा।
-तीसरे और चौथे माह में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन टेस्ट होगा।
-जो श्रमिक मूल्यांकन में अनुत्तीर्ण होंगे, उन्हें दोबारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उत्तीर्ण श्रमिकों को साक्षरता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
-पांचवें और छठे माह में उन्हें वित्तीय गणना, बैंकिंग, मोबाइल फोन, ऑनलाइन सेवाएं और ई-गवर्नेंस योजनाओं जैसे पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, एपीवाई और पीएमजेडीवाई की जानकारी दी जाएगी।
‘नरेगा आखर अभियान’ न केवल श्रमिकों को पढ़ना-लिखना सिखाएगा, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करेगा। यह पहल जयपुर जिले के लिए सामाजिक परिवर्तन की ओर एक सराहनीय कदम है।
जिला कलक्टर के निर्देश पर मनरेगा श्रमिकों को महिला मेट और शिक्षा विभाग के सहयोग से साक्षर करने की अभिनव पहल शुरू की जा रही है। प्रथम चरण में साक्षर बनाने के बाद श्रमिकों को मोबाइल बैंकिंग समेत अन्य कार्यों में दक्ष किया जाएगा।
ओमप्रकाश गुप्ता, एईएन, पंचायत समिति तूंंगा