Rajasthan: जेल से छूटते ही क्या बोले नरेश मीणा? समारवता गांव के लिए किया बड़ा ऐलान, देखें VIDEO
Naresh Meena: टोंक जिले में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा व आगजनी मामले में आठ महीने तक जेल में रहे नरेश मीणा को हाल ही में जमानत मिली। रिहाई के बाद वे सबसे पहले समरावता गांव पहुंचे।
Naresh Meena: राजस्थान के टोंक जिले में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान हुए चर्चित SDM थप्पड़कांड और समरावता गांव में हुई हिंसा व आगजनी मामले में आठ महीने तक जेल में रहे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को हाल ही में जमानत मिली। रिहाई के बाद वे सबसे पहले समरावता गांव पहुंचे। समरावता में उन्होंने ग्रामीणों का अभिवादन किया और भावुक अंदाज में जनता के प्रति अपनी जिम्मादीरी की बात कही। टोंक से समरावता तक उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी।
समरावता पहुंचकर नरेश मीणा ने गांव की धरती को नमन किया और रामायण की चौपाई ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए’ का उल्लेख करते हुए अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि सनातन परंपराओं के अनुसार किसी का स्वागत अस्वीकार नहीं करना चाहिए, लेकिन वे न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं। इसलिए, वे फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे और अदालत की मर्यादा बनाए रखेंगे।
नरेश मीणा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि समरावता ने मुझे अपना बेटा माना है, और मैं हमेशा आपका बेटा बनकर रहूंगा।
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‘जनता का विश्वास कभी नहीं टूटेगा’
नरेश मीणा ने भावुक होकर कहा कि वे जनता का विश्वास कभी टूटने नहीं देंगे और हमेशा संविधान व कानून के दायरे में रहकर काम करेंगे। उन्होंने समरावता के लोगों के समर्थन की सराहना की और कहा कि गांव ने उन्हें जो प्यार दिया, वह उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है।
वहीं, मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जल्द ही मैं आपको आमंत्रित करूंगा और आपके सभी सवालों का जवाब दूंगा। नीली छतरी वाले का आशीर्वाद मेरे साथ है। नरेश मीणा ने समरावता में ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान संकेत दिया कि वे जल्द ही गांव के मुद्दों को लेकर बड़ा कदम उठाएंगे। समर्थकों ने मांग की है कि गांव को हिंसा के नुकसान का मुआवजा दिया जाए और झूठे केस वापस लिए जाएं।
क्या है थप्पड़कांड-हिंसा का विवाद?
गौरतलब है कि 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में नरेश मीणा ने मालपुरा SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। मीणा ने आरोप लगाया था कि SDM फर्जी वोटिंग करवा रहे थे। इस घटना के बाद गांव में हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव और आगजनी हुई। पुलिस ने मीणा सहित 60 लोगों को हिरासत में लिया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में थप्पड़कांड में मीणा को जमानत दी, लेकिन हिंसा मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी।
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