आलोक बोले- “पत्नी अफसर हैं, मैं कम कमाता हूं”
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए आलोक मौर्या ने कहा है कि वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं और उनकी आमदनी बेहद सीमित है। वहीं, उनकी पत्नी एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी हैं। इसलिए वैवाहिक विवाद का अंतिम निपटारा होने तक उन्हें गुजारा भत्ता दिया जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ज्योति मौर्या को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई की तारीख 8 अगस्त तय की गई है।
ज्योति मौर्या का जवाब- “जब खुद नौकरी में हैं तो हमसे गुजारा क्यों?”
ज्योति मौर्या ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “वह हमसे गुजारा भत्ता क्यों मांग रहे हैं? मैं दोनों बेटियों को अपने साथ रखकर पढ़ा रही हूं। वह खुद सरकारी नौकरी में हैं, तो फिर किस बात का गुजारा चाहिए?” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मांग को न्यायसंगत नहीं मानतीं।
विवाद के बाद प्रयागराज स्थित घर नहीं लौटीं ज्योति
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से यह विवाद सामने आया है, तब से ज्योति मौर्या घर नहीं आईं। पहले वहां उनकी बहन रहा करती थीं, लेकिन अब वह भी कहीं और शिफ्ट हो गई हैं। तीन मंजिला इस मकान में अब कई किरायेदार रहते हैं, लेकिन उन्होंने ज्योति मौर्या के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मकान को लेकर अब एक रहस्य बना हुआ है, क्योंकि खुद मकानमालकिन ही लंबे समय से वहां नहीं दिखीं।
क्या है पूरा मामला?
ज्योति मौर्या वाराणसी की रहने वाली हैं, जबकि उनके पति आलोक मौर्या आजमगढ़ जिले से ताल्लुक रखते हैं। दोनों की शादी 2010 में हुई थी। शादी के समय आलोक की नियुक्ति पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर हो चुकी थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ही ज्योति को आगे पढ़ाया और कोचिंग भी करवाई, जिसकी बदौलत 2015 में उनका चयन UP-PCS में हो गया। उसके बाद उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया। उसी साल जुड़वां बेटियां भी पैदा हुईं। सब कुछ सामान्य था, लेकिन 2020 के बाद से विवाद शुरू हो गया।
मनीष दुबे का जिक्र और होटल मैरियट का मामला
आलोक मौर्या ने आरोप लगाया कि 2020 में ज्योति की मुलाकात जिला कमांडेंट होमगार्ड मनीष दुबे से हुई। बातचीत बढ़ी और दोनों में संबंध बन गए। 2022 में एक बार ज्योति फेसबुक लॉगिन करके भूल गईं। जब आलोक ने चैट्स देखे तो उन्हें शक हुआ। विरोध करने पर विवाद बढ़ा। आलोक ने दावा किया कि 22 दिसंबर 2022 को उन्होंने ज्योति और मनीष को लखनऊ के होटल मैरियट में साथ पकड़ा। जब उन्होंने आपत्ति जताई तो उन पर हमला किया गया और जान बचाकर भागना पड़ा। यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया में खासा वायरल हुआ था।
कोर्ट में देरी से दायर हुई याचिका
हाईकोर्ट में याचिका तय समय से 77 दिन की देरी से दाखिल की गई थी और इसके साथ ही प्रमाणित डिक्री की प्रतिलिपि भी नहीं लगाई गई थी। हालांकि आलोक ने देरी को माफ करने और प्रतिलिपि बाद में दाखिल करने की अनुमति भी मांगी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई के लिए 8 अगस्त की तारीख तय की और ज्योति मौर्या को नोटिस जारी कर दिया।