तीन साल पहले देखा था वीडियो तब से थी मिलने की इच्छा
पं. धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) से पीपल्या के आदिवासी मोतीलाल पिता रामलाल कास्डे की चर्चा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। मोतीलाल ने बताया मेरी बचपन से ही हनुमानजी में गहरी आस्था है। तीन साल पहले बाबा का वीडियो देखा था तब से इच्छा थी कि बागेश्वर बालाजी के साथ पं. धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन करूं।
तीन साल में 6 बार पहुंचा शख्स बोला, इस बार दर्शन करके रहूंगा
ये आदिवासी मजदूर तीन साल में छह बार बागेश्वरधाम जा चुका था। वहीं सातवीं बार गुरु पूर्णिमा पर जाने का मन बनाया। दो माह तक मजदूरी कर उसने 5 हजार रुपए एकत्रित किए और खंडवा से बागेश्वर धाम पहुंचकर विचार किया कि इस बार बाबा ने नहीं बुलाया तो, फिर नहीं आऊंगा। भीड़ में मैं काफी पीछे बैठा था। बाबा निकले तो मैंने हाथ हिलाया। बाबा ने भी हाथ हिलाकर जवाब दिया और मंच पर आने का इशारा किया। जैसे-तैस भीड़ को पार कर मंच के पास पहुंचा तो सेवादारों ने दूर कर दिया। कुछ देर बाद बाबा से फिर नजर मिली तो मैंने फिर बाबा को प्रणाम किया। इस बार बाबा ने मेरा हुलिया बताकर मंच पर आने का इशारा किया। पुलिस वाले ने भी सेवादारों से कहा इसे जाने दो। बाबा ने मेरा नाम पता पूछा। कहा कैसे आए, मैंने बताया मजदूरी के किराये और खर्चे के रुपए एकत्रित कर यहां आया हूं।
बागेश्वर बाबा ने दिया अनमोल तोहफा
बागेश्वर बाबा ने मेरी जानकारी लेने के बाद सेवादारों से कहा देखो दान-दक्षिणा में कितने रुपए हैं और नए कपड़े भी निकालो। इस दौरान सेवादारों बाबा को नोटों की गड्डी दी। बाबा ने इसमें से 7700 रुपए निकाले और मुझे देकर कहा। इसमें किराये के बाद जितनी राशि बचे उससे अनाज खरीद लेना। नए कपड़े पहनकर घर जाओ। इस घटना के बाद मेरा बालाजी भगवान (हनुमानजी) में श्रद्धा और विश्वास अटूट हो गया है। मेरा जीवन धन्य हो गया। गुरू पूर्णिमा पर मुझे गुरु मिल गए।