उज्जैन से दीक्षा ली है तो बन सकते हैं पुजारी
सिहंस्थ-2028 की तैयारी के बीच प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित करने की दिशा में अच्छी पहल की है। सबकुछ योजना के तहत हुआ तो जल्द ही ओंकारेश्वर समेत प्रदेशभर में शासन के अधीन, ट्रस्ट और ऐसे मंदिर, मठ और धर्मशाला जिसमें कलेक्टर प्रशासक हैं। रिक्त पदों पर पुजारियों की नियुक्तियां होगी। पात्रता उज्जैन गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त रखी गई है। प्रारंभिक चरण में पांच हजार से अधिक पुजारियों की नियुक्तियां करने की तैयारी है।
पुजारियों का मानदेय भी बढ़ेगा
धार्मिक न्याय एवं धर्मस्व विभाग नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित शासन के अधीन मंदिरों की स्थिति, पुजारियों के रिक्त पदों, चल-अचल संपत्तियों का लेखा-जोखा मांगा है। नियुक्ति के बाद सरकार पुजारियों को मानदेय बढ़ाने की तैयारी है।
खंडवा में 249 मंदिर चिह्नित
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अनुसार खंडवा में 249 मंदिर चिह्नित किए गए हैं। इसमें 152 में पुजारी कार्यरत है। 97 रिक्त पदों पर नियुक्तियां होंगी। इसमें अकेले ओंकारेश्वर में 32 मंदिर है। 13 में पुजारी हैं। शेष 19 में नियुक्ति की तैयारी है। ओंकारेश्वर के सभी मंदिरों को बेहतर किए जाने की कवायद शुरू की है।
प्रदेशभर में शासन के अधीन बीस हजार से अधिक मठ, मंदिर
प्रदेशभर से धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के पास 20 हजार से अधिक मंदिरों पंजीकृत मंदिरों की जानकारी पहुंची है। इसमें शहर और गांव में विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों, मठ और धर्मशालाओं की जानकारी मांगी। फाइनल रिपोर्ट के बाद आंकड़़े घट-बढ़ सकते है। मंदिरों में नियुक्त और रिक्त की स्थिति मांगी है। नियुक्त पुजारियों को मासिक मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। इसमें उन्हें आर्थिक स्थायित्व मिलेगा और धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा भी हो सकेगी।
अकूत संपत्तियों के स्वामी हैं मंदिर
शासन ने मंदिरों की चल और अचल संपत्तियों का पूर्ण विवरण राजस्व अधिकारी जुटाकर शासन को भेजी है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, प्रदेश के कई मंदिर अकूत संपत्तियों के स्वामी हैं। संपत्ति संबंधी दस्तावेजों और भूमि रिकार्ड्स का डिजिटल डेटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
उज्जैन गुरुकुल दीक्षा प्राप्त पुजारियों की पात्रता
शासन ने मंदिरों में नियुक्त किए जाने वाले पुजारियों की धार्मिक योग्यता अनिवार्य की। इसके लिए उज्जैन स्थित गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त पुजारी ही पात्र माने जाएंगे। नियुक्ति प्रक्रिया एसडीएम स्तर पर की जाएगी। जिससे चयन में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
शासन ने कलेक्टर से मांगी ये जानकारियां
-कुल मंदिर -पुजारी की नियुक्तियां -मंदिर समिति का गठन -मंदिर के नाम भूमि -कितने मंदिरों की भूमि पर अतिक्रमण -कितने मंदिरों के भूमि में न्यायालयीन प्रकरण
इनका कहना, अंशु जावला, संयुक्त कलेक्टर
शासन की गाइड लाइन पर मंदिरों का ब्यौरा जुटाया गया है। जिन मंदिरों में पुजारी नहीं है। ऐसे मंदिरों में पात्रता के आधार पर एसडीएम पुजारियों की नियुक्ति करेंगे। जिससे मंदिरों का रखरखाव और संपत्तियों की देखरेख हो सके। -प्रभारी धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग