कम बसें, रूट कटौती से यात्री होंगे परेशान
जेसीटीएसएल की लो-फ्लोर बसों की संख्या राजधानी जयपुर में पहले से ही कम है। विभाग भले ही 17 बसें चलाने का दावा कर रहा है, लेकिन ये बसें अन्य रूटों से हटाकर यहां लगाई जाएंगी, जिससे उन रूटों पर यात्री प्रभावित होंगे। पर्याप्त बस सेवा न होने से यात्रियों को निजी साधनों, ऑटो, कैब आदि पर निर्भर रहना पड़ेगा, जिससे यात्रा महंगी होगी।किन इलाकों से जाना होगा हीरापुरा टर्मिनल
सीकर रोड, टोंक रोड, सिंधी कैंप, वैशाली नगर, मानसरोवर, बनीपार्क, वीकेआइ, रेलवे स्टेशन, मालवीय नगर, जगतपुरा, आगरा रोड, दिल्ली रोड और परकोटा क्षेत्र।भविष्य में मेट्रो से सुधरेगी कनेक्टिविटी
अगले दो वर्षों में मेट्रो के फेज 1सी और 1डी के पूरा होने के बाद अजमेर रोड की दिल्ली रोड और आगरा रोड से सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे हीरापुरा बस टर्मिनल तक मेट्रो के माध्यम से पहुंचना आसान होगा।अभी बदहाल है पब्लिक ट्रांसपोर्ट
1- राजधानी में जेसीटीएसएल की लगभग 200 बसें और करीब 1,000 मिनी बसें ही संचालित हैं। बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के साधन बेहद सीमित हैं। कई क्षेत्रों में लोगों को निजी वाहनों या कैब से सफर करना पड़ता है।2- सार्वजनिक परिवहन की सबसे बड़ी कमी यह भी है कि रात 8 बजे के बाद अधिकतर वाहन बंद हो जाते हैं, जिससे देर रात सफर करना मुश्किल होता है।
निजी बस ऑपरेटरों का विरोध शुरू
हीरापुरा बस टर्मिनल से रोडवेज के साथ निजी बसों का संचालन भी किया जाएगा। इस पर निजी बस ऑपरेटरों ने विरोध दर्ज कराया है। ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि टर्मिनल पर न ऑफिस की सुविधा है, न व्यापार का माहौल। उन्होंने आशंका जताई कि यात्री समय पर टर्मिनल नहीं पहुंच पाएंगे, जिससे यात्राएं प्रभावित होंगी। साथ ही रात के समय चलने वाली निजी बसों में महिलाएं और बुजुर्ग यात्रियों को पहुंचने में कठिनाई होगी।बैठक कर की जा रही है रूट प्लानिंग
यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटो, मैजिक, ई-रिक्शा, मिनी बस यूनियनों के पदाधिकारियों से बैठक कर रूट प्लानिंग की जा रही है। हीरापुरा टर्मिनल को शहर के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने के लिए नए मार्ग तय किए गए हैं।राजेंद्र सिंह शेखावत, आरटीओ जयपुर