वर्तमान में सक्रिय परिसंचरण तंत्र मध्यप्रदेश के ऊपर बना हुआ है, जो सतह से 5.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला है। यह सिस्टम धीरे-धीरे पूर्वी राजस्थान से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जिससे पूरे राज्य में वर्षा की तीव्रता और विस्तार दोनों बढ़ गए हैं।
बारां में सर्वाधिक वर्षा, पाली में स्कूल-फैक्ट्री बंद
रविवार को सबसे ज्यादा बारिश बारां के शाहबाद में 131 मिमी रिकॉर्ड की गई, वहीं पाली जिले में देर रात तेज बारिश से हालात बिगड़ गए। कई स्कूलों में छुट्टी कर दी गई और टैक्सटाइल फैक्ट्रियों में पानी भरने के कारण उत्पादन ठप हो गया। बांडी नदी में उफान के चलते जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इन जिलों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, ब्यावर और डीडवाना-कुचामन जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी दी है। कोटा संभाग में कुछ स्थानों पर 205 मिमी से अधिक वर्षा भी हो सकती है।
जयपुर और जोधपुर भी अलर्ट पर
जयपुर में सोमवार सुबह से ही बारिश का सिलसिला जारी है। वहीं जोधपुर संभाग में भी आगामी 14-15 जुलाई को तेज बारिश के आसार हैं। शहरों के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन रही है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है। राज्य सरकार और प्रशासन सतर्क है और आपदा प्रबंधन दलों को तैनात किया गया है। लोगों को कम से कम बाहर निकलने और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
राजस्थान: जानें जिलों के हाल
पाली शहर-स्कूलों में कर दी छुट्टियां
पाली शहर सहित आसपास के क्षेत्र में सोमवार तड़के से ही बारिश का दौर शुरू हो गया, मानो सावन के इस सोमवार मेघ भी महादेव का जलाभिषेक कर रहे हो। पाली शहर में सुबह नींद खुली तो चहुं और पानी -पानी नजर आ रहा है। खेत लबालब हो गए हैं। तेज बारिश के चलते कई स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां कर दी गई है। बांडी नदी का बहाव तेज हो गया है। निचली बस्तियों के आस-पास पानी जमा हो गया है। खेतों में पानी जमा होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। तेज बारिश के कारण शहर की अधिकतर टेक्सटाइल मिलों में काम शुरू नहीं हो पाया है। दूसरी और श्रावण मास के पहले सोमवार को शिवालय सुबह से ही भक्त आ रहे हैं। राणकपुर बांध 59 फीट पार हो गया है।
कोटा-कोटा बैराज के खोले गए 5 गेट
कोटा अंचल में लगातार बारिश के बाद कोटा बैराज के खोले गए गेट, 5 गेट खोलकर करीब 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा नदी में। चंबल की छोटी पुलिया पर रोका गया यातायात।