Madrasa Board: जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि नियमों की अनदेखी लगातार मिल रही थी। जांच में यह भी पाया गया कि न तो जरूरी अभिलेखों का रख-रखाव किया जा रहा है। न ही पढ़ाई का माहौल संतोषजनक है। अधिकांश मदरसों में शिक्षण कार्य नाममात्र का रह गया था। जिससे छात्रों का शैक्षिक भविष्य प्रभावित हो रहा था। विभाग ने इन सभी मदरसों की रिपोर्ट तैयार कर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद को भेज दी है। ताकि इनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जा सके। हालांकि अंतिम निर्णय परिषद के रजिस्ट्रार स्तर से ही लिया जाएगा।
बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए पास के विद्यालयों में इनका किया जा रहा स्थानांतरण
छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है। इन मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को पास के मान्यता प्राप्त अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है। ताकि उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए। यह कार्रवाई जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और नियमों के प्रति सख्ती का संकेत मानी जा रही है।