सोमवार को मंत्रालय में निर्मल नर्मदा योजना की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नर्मदा किनारे के शहरों में सीवरेज प्लांट के कार्य समय-सीमा में पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास के अधिकारियों के साथ समन्वय कर योजना के संबंध में वास्तविक जानकारी लेकर प्रोजेक्ट पर क्रियान्वयन करने को कहा।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में बताया कि निर्मल नर्मदा योजना पर पहले चरण में 2459 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना में नर्मदा नदी को निर्मल बनाए रखने की इस योजना में केन्द्र सरकार से हरसंभव मदद ली जाएगी।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने औद्योगिक क्षेत्रों में निकलने वाले दूषित पानी को नर्मदा में मिलने से रोकने और पानी के ट्रीटमेंट के उपाय को प्रोजेक्ट में शामिल करने के भी निर्देश दिए। नर्मदा परिक्रमा स्थल के आस-पास के क्षेत्रों में भी सर्वे करने को कहा।
नगरीय विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने बैठक में बताया कि नेशनल रिवर कंजरवेशन प्रोजेक्ट के अंतर्गत नर्मदा नदी की स्वच्छता के लिए वर्ष 2025 को ध्यान में रखकर योजना तैयार की गई है। नदी से लगे शहरों में अधिक से अधिक मकानों को नजदीक के सीवरेज प्लांट से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बैठक में नदी के आस-पास वृहद स्तर पर पौधरोपण करने पर भी सहमति बनी।
प्रदेश के 27 जिलों में चलेगा निर्मल नर्मदा प्रोजेक्ट
मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी की कुल लंबाई 1077 किलोमीटर है। इसके अंतर्गत 54 शहरी क्षेत्र और 818 ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। योजना में प्रदेश के 27 जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन सभी जिलों में निर्मल नर्मदा प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्य कराए जाएंगे। निर्मल नर्मदा योजना का उद्देश्य
- नर्मदा को पूरी तरह स्वच्छ बनाना
- नर्मदा किनारे के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट जल उपचार करना
- अपशिष्ट जल पुन: उपयोग प्रणाली निर्मित कर नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करना।
- उपचारित पानी के पुन: उपयोग को बढ़ावा देना।