पुलिस ने इस मामले में दावा किया है कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार झगड़े के दौरान फायरिंग हुई। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच शराब के नशे में कहासुनी और मारपीट हुई। ग्रामीण और परिजनों के विरोध के बीच पुलिस अधिकारियों ने मोर्चरी के बाहर बताया कि चार में से 3 आरोपियों को पकड़ लिया है। इसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार हुए।
सुबह भरतपुर विधायक डॉ. सुभाष गर्ग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों को जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। मोर्चरी के बाहर फुलवारा गांव के लोगों की भीड़ जमा रही। लोगों में घटना को लेकर काफी रोष रहा। मृतक के बेटे ब्रजेश (21) निवासी फुलवारा ने बताया कि मेरे पिता अशोक (45) की परचून और ई-मित्र की दुकान है। तीन लोग बाइक से दुकान पर आए और उन्होंने मेरे पिता से शराब पीने के लिए 15 सौ रुपए मांगे।
इसके अलावा वह उधार समान मांगने लगे। मेरे पिता ने सामान और पैसे देने से मना कर दिया और उन्हें समझा कर वहां से भेज दिया। इसी दौरान शाम करीब 6 बजे मैं मंदिर जा रहा तो तीनों लोगों ने रास्ते में मुझे रोक लिया। तीनों लोगों ने मेरी बाइक से मोटरसाइकिल की चाबी निकाल ली। उसके बाद वह मेरे से हाथापाई करने लगे। मैंने अपने पिता को फोन किया। मेरे पिता तुरंत मौके पर पहुंचे। तीनों लोगों ने अपने दो और साथियों को मौके पर बुला लिया। जैसे ही मेरे पिता मौके पर पहुंचे तो उन्हें गोली मार दी। बदमाश दो बाइकों पर आए थे। पुलिस ने बताया कि घटना में सभी चार आरोपियों की पहचान कर ली गई है।
कोसी-मथुरा तक गईं पुलिस टीम
एडिशनल एसपी सतीश यादव ने बताया कि फुलवारा गांव में पीपला गांव के पांच असामाजिक तत्वों ने घटना को अंजाम दिया। शुरू में 3 लोग थे, जिन्होंने मृतक की दुकान पर जाकर विवाद किया। दुकान वाले के पिता समझाने आए तो बदमाशों ने उनसे भी विवाद किया। दुकानदार के पिता अशोक को बदमाशों ने गोली मार दी। घटना के बाद 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। बाकी के आरोपियों की तलाश में टीमें कोसी, पलवल एवं मथुरा की ओर गई हैं। अशोक और उनका बेटा ब्रजेश दुकान पर बैठते थे। छोटा बेटा सचिन प्राइवेट नौकरी करता है। सबसे छोटी बेटी भावना ने बीएसटीसी का पेपर दिया है, जिसमें उसका सलेक्शन हुआ है।