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बरेली

मनरेगा घोटाला: फर्जी फोटो, जॉब कार्ड में गड़बड़ी, 40.26 लाख रुपये अधिक भुगतान में बीडीओ के वित्तीय अधिकार निलंबित

मनरेगा योजना में 40.26 लाख रुपये की अधिक धनराशि निकालने और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी करने के मामले में भदपुरा ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) एवं कार्यक्रम अधिकारी आशीष पाल पर बड़ी कार्रवाई हुई है।

बरेलीJul 15, 2025 / 10:05 am

Avanish Pandey

बरेली। मनरेगा योजना में 40.26 लाख रुपये की अधिक धनराशि निकालने और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अनदेखी करने के मामले में भदपुरा ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) एवं कार्यक्रम अधिकारी आशीष पाल पर बड़ी कार्रवाई हुई है। आयुक्त ग्राम्य विकास ने उनके सभी वित्तीय अधिकार तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं और राज्य स्तर से उनका डिजिटल डोंगल (डिजिटल सिग्नेचर डिवाइस) भी डिलीट कर दिया गया है।
इस कार्रवाई के बाद विकास विभाग में हड़कंप मच गया है। मनरेगा की प्रशासनिक मद में अनुमन्य राशि से अधिक निकासी का मामला सामने आने के बाद, दो जुलाई को बीडीओ को आदेश देकर सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन समयसीमा बीत जाने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

आदेशों की अवहेलना और अनुशासनहीनता का आरोप

आयुक्त कार्यालय के निर्देशानुसार, यह कृत्य न केवल आदेशों की अवहेलना है बल्कि इसे अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता का भी प्रतीक माना गया है। इसीलिए संयुक्त आयुक्त मनरेगा संजय कुमार पांडेय द्वारा की गई संस्तुति पर बीडीओ के खिलाफ यह कार्रवाई अमल में लाई गई।
डीसी मनरेगा हबीब अंसारी ने पुष्टि की कि यह आदेश संबंधित अधिकारी को अवगत करा दिया गया है।

मनरेगा में फर्जी फोटो से हाजिरी लगाने का खेल भी उजागर

बरेली के बहेड़ी तहसील के गांव नौली में मनरेगा योजना में फर्जी फोटो से हाजिरी लगाने, जॉबकार्ड में हेराफेरी और सीआईबी (सिटीजन इंफार्मेशन बोर्ड) के नाम पर वित्तीय गड़बड़ी का बड़ा मामला भी उजागर हुआ है।
लोकपाल मनरेगा शिशुपाल सिंह मौर्य ने 19 जून को मौके पर पहुंचकर जांच की, जिसमें कई घोटाले सामने आए:
फर्जी फोटो से हाजिरी लगाकर 10,080 रुपये का भुगतान
जॉबकार्ड में हेराफेरी कर 48,702 रुपये का घपला
सीआईबी बोर्ड के नाम पर 40,000 रुपये की अनियमितता

जिम्मेदारों पर कार्रवाई और रिकवरी की तैयारी

मनरेगा लोकपाल की रिपोर्ट में बीडीओ, लेखाकार, सचिव, रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक को दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ कुल 1,00,782 रुपये की रिकवरी की जाएगी। वहीं फर्जी हाजिरी और जॉबकार्ड हेराफेरी के मामले में प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक से भी वसूली होगी।
इसके अलावा अभिलेखों में अनियमितता पाए जाने पर एपीओ और रोजगार सेवक पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

ग्रामीण की शिकायत पर हुआ खुलासा

इस पूरे मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब गांव नौली के किसान हरप्रसाद ने 13 मई को मनरेगा में गड़बड़ियों की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद लोकपाल द्वारा बीडीओ को कई बार रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।

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