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अहमदाबाद

छोटा उदेपुर : प्रसूता महिला को झोली में उठाकर 4 किमी दूर तक ले जाना पड़ा

सड़क के अभाव में भूंडमारिया गांव तक नहीं पहुंच सकी एंबुलेंसकच्चे, कीचड़ से भरे रास्ते, नहर के पानी, झरने पार कर कोटबी में एंबुलेंस तक पहुंचाया छोटा उदेपुर. जिले की क्वांट तहसील के के भूंडमारिया गांव की एक प्रसूता महिला को झोली में उठाकर 4 किलोमीटर दूर 108 एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा।भूंडमारिया गांव की […]

अहमदाबादJul 14, 2025 / 10:38 pm

Rajesh Bhatnagar

सड़क के अभाव में भूंडमारिया गांव तक नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस
कच्चे, कीचड़ से भरे रास्ते, नहर के पानी, झरने पार कर कोटबी में एंबुलेंस तक पहुंचाया

छोटा उदेपुर. जिले की क्वांट तहसील के के भूंडमारिया गांव की एक प्रसूता महिला को झोली में उठाकर 4 किलोमीटर दूर 108 एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा।
भूंडमारिया गांव की प्रसूता महिला को रविवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। गांव में सड़क का अभाव होने के कारण 108 एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। इसलिए 108 को फोन कर एंबुलेंस को 4 किलोमीटर दूर कोटबी बुलाया गया।
दूसरी ओर, प्रसूता महिला के परिजनों ने कपड़े की झोली बनाकर महिला को झोली में लिटाया और कोटबी तक ले गए। कच्चे, कीचड़ से भरे रास्ते, नहर के पानी, झरने पार कर कोटबी में खड़ी एंबुलेंस तक पहुंचाया।
क्वांट के सीएचसी में बालक को दिया जन्म

वहां से प्रसूता महिला को 108 एंबुलेंस से क्वांट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। वहां प्रसूता महिला ने प्रसव पीड़ा के दौरान एक बालक को जन्म दिया।
अब तक ठोस कार्रवाई नहीं

छोटा उदेपुर जिले में प्रसूता महिलाओं या बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने के लिए सड़क के अभाव के कारण झोली में उठाकर ले जाना पड़ता है। ऐसे मामले बार-बार सामने आते हैं। इसके बावजूद अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
9 महीने पहले रास्ते में प्रसव, बालक को जन्म देने के बाद एक महिला की हुई थी मौत

गौरतलब है कि 9 महीने पहले पिछल साल 1 अक्टूबर को जिले के तुरखेड़ा गांव की एक प्रसूता महिला को झोली में उठाकर ले जाया जा रहा था। रास्ते में ही प्रसव हो गया। बच्चे के जन्म के बाद महिला की मौत हो गई थी। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए याचिका दायर की थी फिर भी प्रशासन पर कोई असर नहीं पड़ा।
झोली में ले जाने के 7 अन्य मामले

पिछले साल 20 अक्टूबर से अब तक जिले में ऐसे 7 मामलों में प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता महिलाओं को झोली में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। वहां से उन्हें एंबुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया गया। वहां प्रसव पीड़ा के दौरान बालकों का जन्म हुआ। वहीं, एक मामले में एंबुलेंस न पहुंच पाने के कारण घर पर ही प्रसूता महिला का प्रसव करवाना पड़ा।

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