कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरविंद शाह बरकड़े ने मंच संचालन के दौरान नशे से दूरी है जरूरी कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इस अभियान के माध्यम से रासेयो स्वयंसेवकों द्वारा समाज में नशे के खिलाफ जनजागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया। किशोरों, युवाओं एवं आम नागरिकों को नशे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. विमला मरावी की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने कहा कि नशा केवल व्यक्ति को ही नहीं, पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है। युवाओं को जागरूक कर हम एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकते हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरविंद शाह बरकड़े ने कहा कि रासेयो स्वयंसेवक समाज में परिवर्तन के वाहक हैं। यह अभियान उनके लिए एक अवसर है कि वे नशे के खिलाफ आवाज उठाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। अन्य वक्ताओं में डॉ. पी.डी. रावत, डॉ. प्रज्ज्वला सिंह एवं डॉ. प्रमोद तिवारी, राजेन्द्र प्रसाद पटेल, डॉ. प्रियंका गुप्ता शामिल रहे। उन्होंने नशे के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को इससे दूर रहने की प्रेरणा दी। डॉ. रावत ने कहा कि नशा एक धीमा जहर है, जो व्यक्ति की सोच, ऊर्जा और भविष्य को नष्ट कर देता है। इससे बचाव ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। कार्यक्रम में रासेयो स्वयं सेवकों एवं छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में उत्साहपूर्वक भाग लिया। विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। डॉ. कीर्ति तिवारी ने अतिथिगणों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नशे से दूरी है जरूरी अभियान न केवल एक कार्यक्रम है, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है। रासेयो स्वयंसेवकों ने यह सिद्ध किया कि युवा शक्ति यदि सही दिशा में प्रयुक्त हो, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।