रावतपुरा के साथ मध्यप्रदेश, उत्तप्रदेश समेत अन्य राज्यों के 6 निजी कॉलेजों में जीरो ईयर घोषित किया गया है। यही नहीं एनएमसी के 4 एसेसर को भी ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया गया है। पत्रिका ने 3 जुलाई के अंक में सीबीआई छापे के बाद रावतपुरा मेडिकल कॉलेज में इस साल हो सकता है जीरो ईयर शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
पत्रिका की आशंका सही साबित हुई। जीरो ईयर का मतलब है कि इस माह शुरू होने वाली काउंसलिंग में किसी छात्र को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पिछले साल
एडमिशन लिए छात्रों की पढ़ाई जारी रहेगी। रावतपुरा कॉलेज में 30 जून को एमबीबीएस की 150 सीटों को बढ़ाकर 250 करने के लिए एनएमसी की टीम निरीक्षण करने आई थी।
एनएमसी ने ये कहा आदेश में भ्रष्टाचार जैसे मामलों को कमीशन अत्यंत गंभीरता से लेता है और उसने मामले की जांच व अंतिम निर्णय आने तक चार मूल्यांकनकर्ताओं को काली सूची में डालने का निर्णय लिया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि रावतपुरा समेत 6 मेडिकल कॉलेजों में यूजी व पीजी कोर्स में मौजूदा सीटों का नवीनीकरण वर्ष 2025-26 के लिए नहीं किया जाएगा। इसके अलावा इन कॉलेजों से वर्ष 2025-26 के लिए यूजी व पीजी दोनों कोर्स के लिए सीटें बढ़ाने और नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड द्वारा प्राप्त आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे।
इसमें कॉलेज प्रबंधन द्वारा एसेसर को रिश्चत व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की मिलीभगत उजागर होने के बाद सीबीआई ने कॉलेज में छापामार कार्रवाई की थी। मौके से ही 3 एसेसर व कॉलेज के डायरेक्टर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में कॉलेज प्रबंधन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व देश के अन्य कॉलेजों से जुड़े 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।
निजी कॉलेजों की मान्यता पर फैसला नहीं रावतपुरा सरकार कॉलेज में जीरो ईयर होने के बाद प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 2130 से घटकर 1980 रह गई है। नए सेशन में इतनी ही सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा। सभी 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सरकार की अंडरटेकिंग के बाद नए सत्र के लिए मान्यता मिल गई है। 4 निजी कॉलेजों की मान्यता के संबंध में अभी एनएमसी को कोई पत्र नहीं आया है।
हालांकि इन सभी कॉलेजों की सीटें रिनुअल होने की संभावना है। इनमें तीन कॉलेजों ने सीटें 150 से 250 करने के लिए आवेदन भी किया है। संभावना है कि एक से दो कॉलेज में सीटें बढ़ सकती हैं। हालांकि इस दौड़ से रावतपुरा कॉलेज बाहर हो गई है। ऐसे में 3 कॉलेजों की सीटों पर उम्मीदें टिकी हुई हैं। सीटें घटने से कट ऑफ बढ़ जाएगा।
सीबीआई ने इनके खिलाफ कराई है एफआईआर रावतपुरा सरकार, रावतपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च रायपुर रविशंकर महाराज, चेयरमैन, रावतपुरा मेडिकल कॉलेज रायपुर अतुल तिवारी, डायरेक्टर रावतपुरा मेडिकल कॉ. रायपुर
डॉ. अतिन कुंडू, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉ. रायपुर लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, अकाउंटेंट रावतपुरा कॉ. रायपुर संजय शुक्ला, रिटायर्ड आईएफएस रावतपुरा मेडिकल कॉलेज रायपुर डॉ. मंजप्पा, एनएमसी टीम के प्रमुख डॉ. चैत्रा,इंस्पेक्शन टीम की सदस्य
डॉ. जीतूलाल मीणा, जेडी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूनम मीणा, अधिकारी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय धरमवीर, अधिकारी केंद्रीय मंत्रालय पीयूष माल्याण, सेक्शन ऑफिसर केंद्रीय स्वा. मंत्रालय शेषञ्चपेज07 सीबीआई ने… अनूप जायसवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी
राहुल श्रीवास्तव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी चंदन कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी दीपक कुमार, मनीषा कुमारी, मयूर रावल रजिस्ट्रार गीतांजलि यूनिवर्सिटी उदयपुर