रूस पर दबाव बनाने के लिए हो रही बयानबाजी
अव्वाद ने कहा कि अमेरिका और नाटो की ओर से काफी बयानबाजी हो रही है क्योंकि उन्हें पता है कि रूस के साथ युद्ध जारी रहेगा। वे रूस पर हमला करने के लिए और भी बेहतर हथियार भेजेंगे। ऐसा लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने हार मान ली है। उन्होंने आगे कहा कि वे रूस को अलग-थलग करना चाहते थे, लेकिन वे नाकाम रहे। यह सब रूस पर दबाव बनाने के लिए बयानबाजी है। बता दें कि नाटो प्रमुख मार्क रूट ने वाशिंगटन में अमेरिकी सीनेटर थॉम टिलिस और जीन शाहीन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
इसमें उन्होंने भारत, चीन और ब्राजील को रूस के साथ अपने आर्थिक संबंधों पर पुनर्विचार करने की बात कही। इसके साथ, उन्होंने यह तक कह दिया कि अगर रूस यूक्रेन पर शांति वार्ता के लिए प्रतिबद्ध नहीं होता है, तो उसे 100 प्रतिशत द्वितीयक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
तीन देशों को नाटो का संदेश
रूट ने कहा कि तीन देशों को मेरा विशेष रूप से यह संदेश है कि यदि आप अभी बीजिंग या दिल्ली में हैं या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर एक नजर डालना चाहिए क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है। उन्होंने इन देशों से रूस पर बातचीत के लिए दबाव बनाने की भी अपील की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आप लोग व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, नहीं तो इसका ब्राजील, भारत और चीन पर भारी असर पड़ेगा।
ट्रंप ने भी दी थी धमकी
इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस तरह की धमकी दी थी। उन्होंने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर कड़े टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली थी। ट्रंप ने रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने के लिए 50 दिनों की समय-सीमा भी दी है। इसके बाद, वह रूस पर कड़े टैरिफ लगाएंगे।