Big GST fraud in Chhattisgarh: हर साल 1000 करोड़ की टैक्स चोरी
पिछले काफी समय से चल रहे इस खेल को देखते हुए राज्य सरकार ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल के जरिए कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। उक्त कारोबारियों की पहचान कर जीएसटी का हिसाब किया जा रहा है। किसी भी तरह की हेराफेरी के इनपुट मिलने पर सर्वे और छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं।Big GST fraud in Chhattisgarh: बिल ही नहीं देते
अधिकांश होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस संचालक आयोजन के बाद बिल देने में कोताही बरतते हैं। जबकि पंजीकृत कारोबारी को 200 रुपए के अधिक पर पक्का बिल दिया जाना अनिवार्य है। इसमें सीजीएसटी और एसजीएसटी का उल्लेख किया जाना है लेकिन, सर्विस के बाद बिल में इसका ब्यौरा तक नहीं रहता है। जबकि इसकी वसूली होती है। दिनभर में हुए कारोबार और अर्जित आय का पक्का हिसाब अधिकांश कारोबारी नहीं करते हैं।शुरू होगी कार्रवाई
जीएसटी चोरी करने के इनपुट मिलने पर अंबिकापुर और नारायणपुर में पिछले महीने दो बड़े फर्मों में सर्वे किया गया। इस दौरान जीएसटी चोरी पकड़ी गई थी। इसे लेकर हंगामा हुआ था। फर्म को सील करने और कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद बकाया राशि कारोबारियों द्वारा जमा कराई गई थी।इस तरह होता है खेल
कारोबारी दूसरे राज्यों के सामान की खरीदी कर वास्तविक खरीदी की राशि का कम मूल्यांकन करते हैं। साथ ही विक्रय करते समय कई गुना ज्यादा कीमत लेते हैं। इसकी बीच के अंतर की राशि तकनीकी रूप से हेराफेरी करने पुराने स्टॉक और कच्चे में हिसाब रखा जाता है। इस तरह का खेल लोहा, सीमेंट, ज्वेलरी, प्लायवुड सेनेटरी, स्टील, ग्रोसरी सहित अन्य में किया जाता है।1.90 लाख कुल पंजीकृत कारोबारी प्रदेश में
1.20 लाख स्टेट जीएसटी में पंजीकृत कारोबारी
70000 पंजीकृत कारोबारी सेंट्रल जीएसटी में त्योहारी सीजन के शुरू होने पर कारोबारी गतिविधियों के बढ़ते ही जीएसटी की टीम सक्रिय हो गई है। हेराफेरी करने वालों के ठिकानों में छापेमारी शुरू होगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 1 अगस्त से जीएसटी चोरी करने वालों के ठिकानों में सर्वे और छापेमारी होगी। बता दें कि स्टेट जीएसटी को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 27000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है।