केशव जी टोपी भेज दें, मैं पहन लूंगा
मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने उपहासपूर्ण लहजे में कहा, “अगर केशव मौर्य जी के पास टोपी है तो वह भेज दें, मैं पहन लूंगा।” उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी नकारात्मक सोच वालों का संगठन है। उन्हें आस्था से कोई लगाव नहीं है।” अखिलेश ने स्पष्ट किया कि वह और उनके साथी सांसद मस्जिद किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं गए थे, बल्कि आस्था और आपसी संवाद के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि जब संसद की कार्यवाही नहीं चल रही थी, उसी दौरान वह मस्जिद में मिलने पहुंचे थे।
धार्मिक स्थलों को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं
सपा प्रमुख ने कहा, “हम आस्था को राजनीति में नहीं लाते, न ही ऐसा करना चाहिए। धार्मिक स्थानों को नकारात्मकता से जोड़ना ग़लत है। बीजेपी को हर चीज़ में सिर्फ बुराई ही नज़र आती है।” उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी “लोगों को जोड़ने की राजनीति” करती है जबकि बीजेपी “मिली-जुली संस्कृति” का विरोध करती है।
बीजेपी एक बुरे और नकारात्मक लोगों का गैंग
अखिलेश ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, “बीजेपी बुरे और नकारात्मक लोगों का गैंग बन चुकी है। उन्हें अच्छी चीज़ों में भी बुराई नज़र आती है।” उन्होंने मस्जिद में जाने को लेकर लगे राजनीतिक बैठक के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटकर पूछा, “और ये लोग क्या करते हैं? ये खुद भी कुछ करते हैं।”
चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना
बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने भारत निर्वाचन आयोग पर भी सवाल उठाए। बिहार में चल रहे SIR (Systematic Investigation of Register) अभियान पर उन्होंने कहा, “बीजेपी ने तो जिंदा लोगों को भी मरा हुआ दिखा दिया। यूपी में 18,000 वोट डिलीट किए गए थे।” उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी “वोट की लूट” हुई थी। अखिलेश ने आशंका जताई कि जिस तरह बिहार में वोटर लिस्ट की सफाई के नाम पर कार्रवाई हो रही है, वैसा ही हाल आगे यूपी और बंगाल में भी देखने को मिलेगा।