जमीन आवंटन करें या रेंटल लीज पर
समूह कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन के लिए नेपीयर घास का उपयोग करना चाह रहा है। घास उगाने के लिए न केवल ज्यादा जमीन चाहिए, बल्कि पानी की भी जरूरत है। सरकार मंथन कर रही है कि जमीन आवंटन करें या रेंटल लीज पर दें। इसके लिए आंधप्रदेश मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है। देश में पहला राज्य आंध्रप्रदेश ही है, जिसने नेपीयर घास के लिए जमीन रेंटल लीज पर दी है। अभी क्लीन एनर्जी पॉलिसी में जमीन आवंटन का प्रावधान तो है, लेकिन नियम नहीं बनाए गए। राजस्व विभाग इस पर होमवर्क कर रहा है।ये होगा बदलाव
1- जो जमीन ज्यादा उपजाऊ नहीं है, वहां नेपीयर घास उगाकर जमीन को उपयोगी बना सकेंगे।2- स्थानीय लोगों के लिए ज्यादा रोजगार के अवसर होंगे।
3- सस्ती गैस उपलब्ध होगी, आयात पर निर्भरता घटेगी।
4- वेस्ट का भी उपयोग हो सकेगा।
राजस्थान को होगा यह फायदा
1- राज्य हरित ऊर्जा का प्रमुख केन्द्र बनेगा।2- किसानों को अतिरिक्त आमदनी का जरिया मिलेगा।
3- गांवों में भी निवेश और औद्योगिक माहौल तैयार होगा
4- स्थानीय बाजार में घास की मांग बढ़ेगी।