1028 चीनी नागरिकों की भी हुई गिरफ्तारी
जानकारी के मुताबिक, कंबोडिया के 138 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई। गिरफ्तार आरोपियों में 1,028 चीनी, 693 वियतनामी, 366 इंडोनेशियाई, 101 बांग्लादेशी, 82 थाई, 57 कोरियाई, 81 पाकिस्तानी, 13 नेपाली और 4 मलेशियाई नागरिक शामिल हैं। वहीं फिलीपींस, नाइजीरिया, म्यांमार और युगांडा के लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है।
साइबर क्राइम के तार कई देशों से जुड़े
कंबोडिया की पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, ड्रग्स, हथियार, गोलियां, चाइनीज और भारतीय पुलिस की फर्जी वर्दी, ड्रग्स प्रोसेसिंग मशीनें जब्त की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस गोरखधंधे में कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, साइबर रैकेट के तार कंबोडिया के अलावा दूसरे देशों से भी जुड़े हो सकते हैं। इसकी जांच की जा रही है।
7000 करोड़ का चपत लगा चुके साइबर फ्रॉड
गृह मंत्रालय एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि साल 2025 के शुरुआती पांच महीनों में साइबर ठगों ने भारतीयों को 7 हजार करोड़ रुपए की चपत लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक 7000 करोड़ में से आधी से ज्यादा राशि कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (South East Country) से संचालित हो रहे घोटालेबाजों के हाथों में गई। बताया जाता है कि लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में साइबर फ्रॉड का पूरा गिरोह चीनी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। यहां मानव तस्करी के शिकार भारतीय लोग भी हैं। जिन्हें जबरन काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।