scriptफलदार, छायादार व औषधीय पौधों से महकेगा तिलक कॉलेज परिसर | Plantation in Tilak College katni | Patrika News
कटनी

फलदार, छायादार व औषधीय पौधों से महकेगा तिलक कॉलेज परिसर

पत्रिका हरित प्रदेश अभियान के तहत पीएमश्री तिलक कॉलेज में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन

कटनीJul 20, 2025 / 09:11 pm

balmeek pandey

Plantation in Tilak College

Plantation in Tilak College

कटनी. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पत्रिका हरित प्रदेश अभियान एक जनांदोलन बनता जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को पीएमश्री तिलक कॉलेज में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन समरसता छात्रावास परिसर में किया गया, जहां कॉलेज के प्राध्यापकों, छात्रों और स्टाफ सदस्यों ने मिलकर फलदार, छायादार और औषधीय पौधे लगाए। कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनील वाजपेयी ने किया।
उन्होंने अभियान की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक चेतना है। पत्रिका हरित प्रदेश अभियान समाज को हरियाली की ओर ले जाने वाली एक क्रांतिकारी पहल है। यह हम सभी का कर्तव्य है कि धरती को हरा-भरा रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनका पालन-पोषण भी करें।
पत्रिका हरित प्रदेश अभियान: 100 से अधिक फलदार और छायादार पौधों का हुआ रोपण

हर घर हो पेड़ लगाने की पहल

कॉलेज के प्राध्यापकों ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण, असंतुलन को लेकर सभी को सचेत होना होगा। प्रकृति बची रहेगी तो हमारी सांसें चलती रहेंगी। इसलिए आवश्यक है कि हर घर में पौधों को लगाने की पहल हो। इस पौधरोपण कार्यक्रम के माध्यम से महाविद्यालय प्रशासन ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं, बल्कि उन्हें जीवित रखना और पालना ही असली सेवा है।

इन्होंने की भागीदारी

पौधरोपण कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. सुनील बाजपेयी, डॉ. माधुरी गर्ग, डॉ. वीके द्विवेदी, डॉ. उर्मिला दुबे, डॉ. जीएम मुस्तफा, डॉ. विनय बाजपेयी, सुभाष, सीता यादव, काजल पटेल, अंजली दाहिया, अंशिका चौधरी, मनीषा पटेल, भावना पांडेय, कृतिका विश्वकर्मा, अंशिका श्रीवास्तव, निर्जला साकेत, आस्था वर्मा, स्नेहा अहिरवार, आकांक्षा पांडेय, रिया कुशवाहा, छवि सोनी, आयुष कोरी, जितेंद्र भारती, दिवांशु जायसवाल, सचिन वंशकार, दीपक साकेत आदि मौजूद रहे।
patrika harit pradesh abhiyan

प्रकृति के प्रहरी बने शिक्षक-छात्र

पौधरोपण के इस अवसर पर कॉलेज परिवार ने यह भी प्रण लिया कि लगाए गए हर पौधे को बच्चे की तरह सींचा जाएगा और नियमित देखरेख की जाएगी। इस अभियान के माध्यम से पूरे परिसर को हरियाली की चादर से ढंकने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल कॉलेज में ही हजारों की संख्या में पौधे तैयार किए गए हैं। किताबों की तरह पेड़ भी ज्ञान देते हैं – जीवन जीने का, संतुलन बनाए रखने का। पेड़ लगाना सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, आत्मिक संतोष भी है।
बच्चों की पुकार: स्कूलों में बैठने के लिए छत तो मुहैया करा दो सरकार!, तस्वीरें कर देंगी हैरान

प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने कही यह बात

वृक्षों से ही जलवायु संतुलन बना रहता है। यह अभियान भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का प्रयास है। एक पौधा लगाना सिर्फ हरियाली नहीं, यह धरती मां के प्रति आभार व्यक्त करने जैसा है। पत्रिका का अभियान समाज में नई चेतना लाने का काम कर रहा है।
डॉ. सुनील वाजपेयी, प्राचार्य, तिलक कॉलेज।
पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन हमें स्पष्ट संदेश दे रहा है कि अब और देर नहीं करनी है। पत्रिका का यह अभियान न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह व्यवहारिक क्रांति की ओर बढ़ता कदम है। इसके महत्व को लोग समझें और पेड़ अवश्य लगाएं व बचाएं।
डॉ. वीके द्विवेदी, तिलक कॉलेज।
इतिहास में जब-जब प्रकृति का सम्मान हुआ, वहां समृद्धि आई। वृक्ष हमारे सांस्कृतिक जीवन का आधार रहे हैं। यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि सांस्कृतिक पुनरुद्धार के लिए भी जरूरी है। एक पेड़ मां के नाम हम लोग निरंतर पौधे लगा रहे हैं।
डॉ. माधुरी गर्ग, तिलक कॉलेज।
पेड़-पौधे सिर्फ हवा नहीं देते, वे अर्थव्यवस्था का आधार भी हैं। फलदार वृक्षों से आत्मनिर्भरता भी बढ़ती है। यह अभियान पर्यावरण के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि की दिशा में भी सार्थक है। पत्रिका की इस पहल से समाज में बड़ा परिवर्तन आएगा।
डॉ. उर्मिला दुबे, तिलक कॉलेज।
हमारे जीवन के हर हिस्से में पेड़ हैं हवा, पानी, भोजन, छाया। पेड़ कटने से खतरा बढ़ रहा है, पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पत्रिका का अभियान वृक्षों की उस मौन भाषा को मुखर करता है, जो हमें जीवन देती है। यह पहल सामाजिक बदलाव की शुरुआत है। हर कोई पर्यावरण की रक्षा में भागीदार बने।
डॉ. ज्योत्सना अठया, तिलक कॉलेज।
पेड़ हमें मुफ्त में वह सब कुछ देते हैं जो हम पैसों से भी नहीं खरीद सकते। स्वच्छ हवा, शीतल छाया और जीवनदायिनी ऊर्जा। इस अभियान से जुडऩा मेरे लिए गर्व की बात है। आज का युवा अगर हरियाली को अपना मिशन बना ले तो आने वाला भारत न केवल डिजिटल होगा, बल्कि इको-फ्रेंडली भी होगा। पत्रिका का यह अभियान इसी दिशा में क्रांति है।
जीएम मुस्तफा, तिलक कॉलेज।
हर पौधा हमसे संवाद करता है, वो कहता है मुझे बचाओ, मैं तुम्हें जीवन दूंगा। यह मेरा पहला पौधरोपण था और मैंने खुद से वादा किया है कि मैं इसे बड़ा होते देखूंगी। पत्रिका का सराहनीय अभियान है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है।
अंशिका तिवारी, छात्रा।
वृक्ष कविता की तरह होते हैं, मौन होकर भी बहुत कुछ कह जाते हैं। उनके नीचे बैठकर न केवल तन, बल्कि मन को भी शांति मिलती है। हर छात्र को इस पहल का हिस्सा बनना चाहिए। पत्रिका की पहल सराहनीय है।
अनुसुईया चौधरी, छात्रा।
हमें यह समझना होगा कि विकास और विनाश में बहुत बारीक रेखा है। पौधरोपण का यह अभियान विकास की सही दिशा को दर्शाता है। मैं पिछले कई वर्षों से वृक्षारोपण करती आ रहा हूं, लेकिन इस अभियान की जागरूकता सबसे प्रभावशाली है। यह एक सामाजिक आंदोलन है।
लक्ष्मी पटेल, छात्रा।

Hindi News / Katni / फलदार, छायादार व औषधीय पौधों से महकेगा तिलक कॉलेज परिसर

ट्रेंडिंग वीडियो