कटनी. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समाज जहां चिकित्सकों को ईश्वर तुल्य मानता है, वहीं कुछ लोग केवल पैसे के लालच में मानव जीवन से खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला विजयराघवगढ़ में सामने आया, जहां एक अवैध मेडिकल और क्लिीनिक संचालित करते हुए एक युवक को एलोपैथिक दवाओं का अवैध रूप से विक्रय और मरीजों का इलाज करते हुए पकड़ा गया। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब बीएमओ डॉ. विनोद कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्री साई मेडिकल नामक प्रतिष्ठान पर छापा मारा। जानकारी के विजयराघवगढ़ के मुख्य मार्ग में कृष्ण कुमार सोनी (25) पिता आरके सोनी जो कि आयुर्वेद में स्नातक (बीएएमएस) है, एलोपैथिक दवाओं का अवैध रूप से विक्रय कर रहा था। बीएमओ की टीम को मौके पर कई अनियमितताएं और लापरवाहियां देखने को मिलीं। जांच के दौरान पाया गया कि वह बिना किसी एलोपैथिक पंजीयन के क्लिीनिक खोलकर मरीजों का इलाज किया जा रहा था, साथ ही काली पन्नियों में दवाएं देकर गंभीर रूप से नियमों की अवहेलना कर रहा था।
बीएमओ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में जन स्वास्थ्य रक्षक का काम करने वाला आरके सोनी क्षेत्र में अपने आप को डॉक्टर सिद्ध कर इलाज किया जा रहा था। मेडिकल में ही साइड में क्लीनिक का संचालन होता पाया गया, जहां पर मरीजों की जांच संबंधी उपकरण पाए गए। जब टीम ने आरके सोनी से मरीजों के इलाज करने संबंधी वैध दस्तावेज मांगे तो वह बगलें झांकने लगे।
जैसे ही बीएमओ डॉ. विनोद कुमार की टीम कार्रवाई कर रही थी, मेडिकल संचालक कृष्ण कुमार सोनी ने विवाद शुरू कर दिया। जब स्थिति बिगडऩे लगी तो पुलिस को मौके पर बुलाया गया, लेकिन संचालक ने पुलिस कर्मियों से भी बदसलूकी की। परिस्थिति को देखते हुए पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 151 के तहत कृष्ण कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पूरे परिवार पर भी संदेह!
बीएमओ के अनुसार यह मेडिकल प्रतिष्ठान लंबे समय से अवैध रूप से संचालित होने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। लोग यह भी शिकायत कर रहे थे कि परिवार के अन्य सदस्य भी दवाएं बेचते हैं और इलाज करते हैं। हालांकि, कृष्ण कुमार के पिता पर स्वास्थ्य विभाग ने अभी कोई कार्रवाई नहीं की है। लेकिन बेटे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
क्लीनिक में एलोपैथिक दवाओं का विक्रय, बिना अनुमति मरीजों का इलाज करते पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की दी है। यहां से बिना रजिस्टर्ड क्लिीनिक, दवाएं, डॉक्टर की तरह इलाज करते पाया है। इस मामले में बीएमओ ने आरके सोनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मरीजों के इलाज संबंधी वैध दस्तावेज, डिग्री आदि प्रस्तुत करने कहा है।
जिलेभर में है मकडज़ाल
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि ऐसे कितने अवैध मेडिकल व क्लिीनिक बिना रजिस्ट्रेशन के काम कर रहे हैं?। शहर से लेकर गांव-गांव तक झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिकें सजी हैं। आम नागरिकों की जान से हो रहा यह खेल प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। हैरानी की बात तो यह है इन झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी पर न तो बीएमओ गंभीरता से ध्यान दे रहे और ना ही जिले का स्वास्थ्य अमला गंभीर है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल स्टोर्स की भी जांच की जाएगी। मेडिकल संचालन संबंधी वैध दस्तावेज हैं या नहीं, इसके अलावा मेडिकल संचालन के लिए पात्र व्यक्ति बैठ रहा है कि नहीं यह देखा जाएगा। बीएमओ ने कहा कि टीम के साथ जाकर एक-दो दिन में इसकी जांच की जाएगी।
बीएमओ ने कही यह बात
डॉ. विनोद कुमार, बीएमओ, विजयराघवगढ़ अवैध रूप से क्लीनिक संचालित किए जाने की शिकायत मिली थी। इस पर जांच करने गए थे। आरके सोनी के पुत्र ने जांच में समस्या पैदा की। पुलिस से भी विवाद किया है, जिसपर कार्रवाई हुई है। क्लीनिक चलाते पाए जाने पर आरके सोनी को नोटिस जारी किया गया है। डिग्री व प्रमाण प्रस्तुत न करने पर वैधानिक कार्रवाई कराई जाएगी।
सीएमएचओ ने कार्रवाई के निर्देश
डॉ. राज सिंह, सीएमएचओ ने कहा कि जिलेभर में अभियान चलाकर नियम विरुद्ध तरीके से संचालित होने वाली क्लीनिकों में कार्रवाई कराई जाएगी। मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मेडिकल स्टोर्स की भी जांच कराएंगे। शहर सहित ग्रामीण इलाकों में जांच-कार्रवाई होगी। सभी बीएमओ को जांच के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
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