दुबई तक पहुंचा मामला
सिया दफ्तर का विवाद दुबई में सीएम डॉ. मोहन(CM Mohan Yadav) तक भी पहुंचा। सूत्र बताते हैं, सीएमओ ने उन्हें विवाद की जानकारी दी। इस पर सीएम ने कहा, विवाद को कानूनी तौर पर खत्म करें, जो गलत है उस पर कार्रवाई होगी। लेकिन पहले दफ्तर का ताला खुलवाएं। इसके बाद सिया कार्यालय में लगा ताला खुलवाया गया। मैं दो दिन से बाहर हूं। एप्को परिसर में बिजली का कुछ फॉल्ट था। इसे ठीक कराना था। किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए कमरा बंद कराया गया। इस कारण वहां मेरा चैंबर भी बंद रखा गया था। उन्होंने जबरन कमरा खुलवा लिया। यदि कोई दुर्घटना होती है तो जिम्मेदार वे खुद होंगे। – नवनीत मोहन कोठारी, प्रमुख सचिव पर्यावरण
7 मई के बाद कोई बैठक नहीं की
सिया अध्यक्ष चौहान ने बताया, 7 मई के बाद से पर्यावरणीय अनुमति जारी करने के लिए सिया की कोई बैठक नहीं हुई है। सचिव ने बैठक का न एजेंडा दिया और न ही तारीख तय की। मैंने मई व जून में बैठक की तारीख और स्थान तय किया था, पर बैठक नहीं कराई। कई बार पत्र भी लिखे। उन्होंने बताया, आवेदनों का निराकरण 45 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है। इस बारे में पत्र तैयार कराने मैं सिया दफ्तर पहुंचा तो ताला लगा था। मुख्य सचिव से बात की, तब चैंबर खोला। उनका आरोप है,पीएस व सिया सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी खनिज माफिया से गठबंधन कर जानबूझकर बैठक नहीं होने दे रहे हैं।
सिया को बायपास कर जारी की 237 ईसी
सिया अध्यक्ष ने बताया, एन्वायरमेंट क्लीयरेंस (ईसी) केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्रालय व सिया ही दे सकते हैं। लेकिन हाल ही में कार्यवाहक सदस्य सचिव के जरिए पीएस ने सिया को बायपास कर 237 आवेदनों में डीम्ड परमिशन दी। पीएस ने अनुमोदन किया। उन्हें अधिकार नहीं है। सिया की अनुमतियां सचिव ने आवेदक को नहीं दी। अपलोड भी नहीं कराए। ऐसी अनियमिताओं में ५ साल की सजा का प्रावधान है। मैंने मंत्रालय में शिकायत की। दोनों अफसरों पर केस दर्ज कराने की मांग की है।