अब 29 का इंतजार
सामाजिक प्रतिनिधि ने बताया कि 29 जुलाई को मामले में न्यायालय से फैसला आने वाला है। यदि पक्ष में आता है तो हम खुशी मनाएंगे। अन्यथा यह आंदोलन जारी रहेगा। हमें पूरी उम्मीद है कि न्यायालय, महाबोधि महाविहार के प्रबंधन का दायित्व, महंतो से वापस लेकरए बौद्धो को सौंपेगा। चूंकि महाबोधि महाविहार, एक एतिहासिक धरोहर है।बता दें कि बिहार राज्य के बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार को मुक्त करने और बीटी एक्ट 1949 अधिनियम को रद्द कर ऐतिहासिक विश्व धरोहर को बौद्धो के सुपुर्द करने की मांग को लेकर शहर में 10 जुलाई से बौद्ध अनुयायी, अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन कर रहे थे। 12 जुलाई से भंत धम्म शिखर ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। रविवार को जिले में महाबोधि महाविहार को बौद्धो को सौंपने और बीटी एक्ट 1949 को समाप्त करने की मांग को लेकर जिले से पहुंचे हजारो बौद्ध अनुयायियों ने रैली निकाली और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।