अगर आप भी रात में ड्राइव करते समय केबिन लाइट चालू रखते हैं तो यह आदत आपकी सुरक्षा और ड्राइविंग एक्सपीरियंस दोनों को प्रभावित कर सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि रात में कार की केबिन लाइट क्यों बंद रखनी चाहिए।
आंखों की रोशनी पर पड़ता है सीधा असर
रात में जब आप ड्राइव कर रहे होते हैं तो आपकी आंखें बाहर के अंधेरे वातावरण के अनुसार अपने को एडजस्ट कर रही होती हैं। आपकी आंखों की पुतलियां (Pupils) रोशनी के हिसाब से सिकुड़ती या फैलती हैं। अगर कार के अंदर लाइट चालू रहती है तो पुतलियां सिकुड़ जाती हैं जिससे आंखों में बाहर के अंधेरे की रोशनी कम पड़ती है। इसका सीधा मतलब है कि आप बाहर की सड़क, आने-जाने वाले वाहन, पैदल यात्री या मोड़ साफ-साफ नहीं देख पाएंगे। इससे एक्सीडेंट का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं अगर केबिन लाइट बंद हो तो आपकी आंखें बाहर की कम रोशनी में भी आराम से देख सकती हैं।
गोपनीयता और सुरक्षा में भी मिलती है मदद
रात में जब केबिन लाइट चालू होती है तो बाहर से कार के अंदर की गतिविधियां और लोग साफ दिखाई देते हैं। यह स्थिति असामाजिक तत्वों के लिए खतरे का मौका बन सकती है, खासकर सुनसान जगहों या ट्रैफिक सिग्नल्स पर दिक्कत हो सकती है। केबिन लाइट बंद होने से बाहर से देखने में दिक्कत होती है जिससे आपकी गोपनीयता बनी रहती है और लूटपाट जैसी घटनाओं की संभावना कम हो जाती है।
बैटरी पर भी डालती है असर
भले ही केबिन लाइट छोटी सी हो लेकिन अगर उसे लगातार चालू रखा जाए, खासकर बिना इंजन के तो यह धीरे-धीरे बैटरी को डिचार्ज कर सकती है। लंबी यात्रा पर निकलते समय अगर बैटरी कमजोर हो जाए तो कार स्टार्ट करने में भी समस्या आ सकती है। इसलिए हमेशा जरूरत न हो तो केबिन लाइट को बंद ही रखें।
दूसरों के लिए भी बन सकती है परेशानी
जब आपकी कार में केबिन लाइट जल रही होती है तो सामने या पीछे चल रहे ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है। यह स्थिति खासकर हाईवे या अंधेरी सड़कों पर खतरनाक हो सकती है। इससे टकराव या अन्य दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।