केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से नर्मदा जिले के केवडिया में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में रविवार को इस निर्णय की आधिकारिक घोषणा की गई। बैठक में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा राज्यों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 के अंतर्गत प्रयासों को मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। राज्यों ने अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं, अभिनव दृष्टिकोणों और सफल उपायों को प्रदर्शित किया।
केंद्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी योजना के तहत फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) जैसे तकनीकी उपकरणों को अपनाना इसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 1 अगस्त से पोषण 2.0 योजना के लाभार्थी का पंजीकरण बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके किया जाएगा। इससे सही लाभार्थी तक पहुंच सुनिश्चित होगी।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी योजनाओं की सफलता जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी पर निर्भर करती है। गुजरात की महिला एवं बाल विकास मंत्री भानूबेन बाबरिया ने महिला एवं बाल-केंद्रित कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और अन्य राज्यों के साथ सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।
मध्यप्रदेश की मंत्री निर्मला भूरिया ने लास्ट माइल सर्विस डिलिवरी के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रकाश डाला। राजस्थान की मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने किशोरियों और माताओं के लिए डिजिटल पोषण शिक्षा के प्रयासों को साझा किया। नए मॉडलों को शामिल करने के लिए तत्परता भी व्यक्त की।
समर्पित शिक्षण मॉड्यूल किए विकसित
मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 पर समर्पित शिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं। इन्हें देश भर के राज्य, जिला और फील्ड वर्कर के लिए ज्ञान और क्षमता निर्माण ढांचे को मजबूत करने के लिए आई-गॉट कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा।
शिकायत निवारण तंत्र को करें मजबूत
मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने, आंगनवाड़ियों में सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने और अधिक प्रभावी लाभार्थी लक्ष्य बनाने का आग्रह किया। उन्होंने लड़कियों, माताओं के बीच डिजिटल साक्षरता बढ़ाने पर जोर दिया।
रियल टाइम डैशबोर्ड, फीडबैक आधारित हो निगरानी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने राज्यों को रियल टाइम डैशबोर्ड और नागरिक फीडबैक प्रणाली से प्रदर्शन की निगरानी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।