पीड़ित नानालाल लोहार ने 11 मई 2024 को शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी शफीक अहमद (32), निवासी साहिबाबाद, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) को गिरफ्तार किया।
फर्जी नामों से पहचान दी
शिकायतकर्ता लोहार ने अपनी निष्क्रिय बीमा पॉलिसी का रिफंड प्राप्त करने के लिए एक अज्ञात संपर्क से संपर्क किया था। आरोपी ने खुद को बिरला सन लाइफ का प्रतिनिधि बताते हुए मनोज पांडे, एनपी सिंह और वीके सिंह जैसे फर्जी नामों से पहचान दी और सोशल मीडिया एप के जरिए आधार और पेन कार्ड की नकली प्रतियां भेजकर पीड़ित का विश्वास जीता।
साल 2024 में पैसे ट्रांसफर करवाया
इसके बाद पीड़ित ने 15 अप्रैल से 9 मई 2024 के बीच आरोपी द्वारा दिए गए विभिन्न बैंक खातों में कुल 22.63 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब आरोपी का फोन बंद हो गया, तब लोहार को ठगी का आभास हुआ और उन्होंने प्रतापगढ़ साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
जिला पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल के निर्देश पर साइबर पुलिस थाना प्रभारी हरी सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक खातों को ट्रैस कर फ्रीज करवा दिया।
जांच में क्या सामने आया
तकनीकी जांच में पता चला कि यह रकम शफीक अहमद के खाते में जमा हुई थी। इसके बाद पुलिस टीम ने गाजियाबाद में दबिश देकर अहमद को हिरासत में लिया। पूछताछ में अहमद ने स्वीकार किया कि उसने गूगल पर उपलब्ध एक नंबर के जरिए लोहार से संपर्क किया और बीमा रिफंड के झांसे में लेकर उसे ठगा। पुलिस ने बताया कि अहमद से पूछताछ के आधार पर ठगी के इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।