एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में थाना कोतवाली, डूंडासिवनी, अरी की संयुक्त टीम गठित की। विवेचना के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की घसियारी चौक से एक ऑटो में दो बच्चों को एक युवक बैठाकर ले जाते देखा गया है। ऑटो चालक को पुलिस ने खोज निकाला। बच्चों की फोटो दिखाने पर चालक ने पहचान कर बताया कि दोनों बच्चे एक युवक के साथ बैठे थे। उसने घसियारी से स्कूल के पास छोड़ा था। बच्चे युवक को मौसा कह रहे थे। जब प्रार्थी पूजा से पूछताछ की गई तो उसने अपनी बहन करिश्मा के पति भोजराम बेलवंशी पर संदेह जाहिर किया।
पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी भोजराम बेलवंशी को थाना बुलवाया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात कबूली। आरोपी 15 जुलाई की शाम साढ़े पांच बजे बालक मयंक एवं दिव्यांश के स्कूल से आने के बाद घसियारी चौक सिवनी से किराए के ऑटो में बैठाकर साइकिल दिलाने के बहाने जनता नगर चौक तक लेकर गया था। जनता नगर चौक में दोस्त शुभम उर्फ यश मिला। बाइक पर दोनों बच्चे समेत चारों बैठकर आमागढ़ से अम्बामाई के जंगल में पहुंचे। आरोपी ने रात करीब 8.30 बजे धारदार चाकू से दिव्यांश एवं मयंक की एक धारदार चाकू से गला रेतकर हत्या की और फिर शव को नाली में पत्थर से छिपा दिया। पुलिस ने दोनों आरोपी छपारा के ग्राम ढारिया निवासी भोजराम बेलवंशी पिता रामसेवक बेलवंशी(32), लखनवाड़ा के ग्राम कारीरात निवासी शुभम उर्फ यश जावरे पिता महेश जावरे(27) को गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्य आरोपी भोजराम ने मंगलवार को ही दोनों बच्चों की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए उसने नया चाकू भी खरीदा था। बच्चों को साइकिल खरीदने का लालच दिया और फिर साथ लेकर गया। उसने अपने दोस्त शुभम को फोन करके बुलाया। दोनों आरोपी बाइक पर बच्चों को बैठाकर जंगल में लेकर पहुंचे। इसके बाद पहले छोटे भाई को जंगल के अंदर लेकर गया और हत्या की और फिर बड़े भाई की गला रेतकर हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार आरोपी भोजराम बेलवंशी मृतक बच्चों की मां पर बुरी नजर रखता था। इस वजह से वह उसके घर बार-बार आना-जाना करता था। प्रार्थी अपने पति से अलग दोनों बालकों के साथ रहती थी। जिसके कारण आरोपी अपने गलत मंसुबे में कामयाब नहीं हो पा रहा था। पूर्व में भी आरोपी ने बच्चों को उठा लेने की धमकी दी थी। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त चाकू एवं बाइक बरामद कर ली है। हत्या का खुलासा करने में नगर पुलिस अधीक्षक पूजा पाण्डेय, निरीक्षक किशोर वामनकर, सतीश तिवारी, खेमेंद्र जैतवार, उनि आशीष खोब्रागड़े, दयाराम शरणागत, राहुल काकोडिय़ा, मनोज जंघेला, रितु उइके, दिनेश रघुवंशी, शैलेश तिवारी, देवेन्द्र जैसवाल, जसवंत ठाकुर, मनोज पाल सहित अन्य पुलिसकर्मियों की सराहनीय भूमिका रही।