बताया जाता है कि टैक्स चोरी करने और टूरिस्ट परमिट लेकर अंतरराज्यीय बसों का संचालन करने की शिकायत पर यात्री बसों की जांच की गई। इस दौरान पता चला कि ऑपरेटर टूरिस्ट परमिट पर बसों को चला रहे थे। उक्त बसों के परमिट और दस्तावेजों को जब्त कर पंचनामा बनाया गया है। बता दें कि
टूरिस्ट परमिट किसी विशेष प्रायोजन के लिए जारी किया जाता है। यात्रियों की सूची, टाइमिंग और परिचालन मार्गों का ब्यौरा देने पर इसे जारी किया जाता है। इसका उपयोग केवल एक बार किया जा सकता है। लेकिन, बस मालिक टैक्स चोरी करने इसका दुरुपयोग कर रहे थे। इसकी शिकायत मिलने पर अभियान शुरू किया गया है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से दूसरे राज्यों के बीच अंतरराज्जीय समझौते के तहत 300 बसों का संचालन किया जाता है। लेकिन, निर्धारित परमिट से करीब डेढ़ गुुना बसों का संचालन किया जा रहा था। टैक्स चोरी करने के लिए टूरिस्ट परमिट के दस्तावेजों में हेराफेरी और कूटरचना कर संचालन किया जा रहा था। ऑपरेटर अपनी मर्जी से राज्य के भीतर और अंतराज्यीय परिवहन सेवा के तहत दूसरे राज्यों तक इसे चला रहे थे। इसे देखते हुए शहर के ऑउटर से लेकर राज्य की सीमा पर बनाए गए चेकपोस्ट में इसकी जांच की गई। जांच के दौरान पकडे़ गई बसों के मालिकों से टैक्स और परमिट का ब्योरा मांगा गया है।
16 वाहनों पर कार्रवाई रायपुर उड़नदस्ता टीम ने टूरिस्ट परमिट का दुरुपयोग करने वाली 16 यात्री बसों के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही उक्त सभी के मालिकों को समन जारी किया गया है। उक्त बसों को हैदराबाद, पुणे, नागपुर, जबलपुर व दूसरे राज्यों के बीच चलाया जा रहा था।
यात्री बसों की जांच कर टूरिस्ट परमिट का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई है। साथ ही 4 बसों को जब्त कर संबंधित ऑपरेटर को समंन जारी कर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर परमिट को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
डी रविशंकर अपर परिवहन आयुक्त