Digital Arrest: उत्तरप्रदेश, कर्नाटक के म्यूल खातों में गई ठगी की राशि
साइबर ठगों ने रिटायर्ड एजीएम को
डिजिटल अरेस्ट करके 2.83 करोड़ रुपए ठग लिए। यह राशि अलग-अलग 11 म्यूल बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है। ये खाते फर्म के नाम से भी खोले गए हैं और उत्तरप्रदेश, कर्नाटक आदि में हैं। इन खातों से ठगी की राशि को आरोपियों ने निकाल लिया है। फिलहाल कोई राशि होल्ड नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि पीड़िता 50 दिन तक साइबर ठगों की निगरानी में रही। इस बीच जो भी रकम पीड़िता साइबर ठगों के बताए बैंक खातों में जमा करती थी, ठग उसे तत्काल निकाल लेते थे।
जांच एजेंसी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती
Digital Arrest: क्राइम एएसपी संदीप मित्तल का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई कार्रवाई पुलिस नहीं करती है। पुलिस ही नहीं कोई दूसरी जांच एजेंसी भी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती। किसी अनजान व्यक्ति को फोन में निजी जानकारी देने से बचना चाहिए। इसी जानकारी को साइबर ठग हथियार बनाते हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामले में साइबर ठग निजी जानकारी से खेलते हैं। वीडियो कॉल में पुलिस, ईडी, सीबीआई, क्राइम ब्रांच वाले बनकर बातचीत करते हैं। इसमें निजी जानकारियां लेते हैं, जैसे घर में कितने सदस्य हैं, उम्र, नौकरी, वेतन आदि के बारे में पूछते हैं। पुरुषों से अफेयर सहित अन्य गोपनीय जानकारी भी पूछते हैं। कोई गंभीर मामला आता है, तो इसको आधार बनाकर डिजिटल अरेस्ट बताते हैं। वीडियो कॉल में ही थाना, कोर्ट, ऑफिस आदि सब दिखाते हैं, जिससे पीड़ित असली मान लें।