CG School News: सिस्टम फेल, नहीं बंट रहीं शासकीय पुस्तकें
सरकार द्वारा छात्रों को नि:शुल्क पुस्तकें देने की योजना तो है, लेकिन पोर्टल में
पुस्तकों के बारकोड अपलोड नहीं होने के कारण ये पुस्तकें छात्रों के हाथ तक नहीं पहुंच पाई हैं। स्कैनिंग सिस्टम की तकनीकी खराबी से स्कूल खुलने के एक माह बाद भी पुस्तकों का वितरण नहीं हो पाया है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में कुल 1858 सरकारी स्कूल हैं। इसमें प्राइमरी 1113, मिडिल 518 और हाई स्कूलों की संख्या 227 है।
इसके अलावा जिले में 749 निजी स्कूलों को भी इस बार नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक का वितरण किया गया है।सिर्फ बिलासपुर जिले के सरकारी और निजी स्कूलों को मिलाकर तकरीबन 4 लाख पुस्तकों का वितरण पाठ्य
पुस्तक निगम से हुआ है लेकिन बच्चों के हाथों तक ये पुस्तक आज तक नहीं पहुंच पाई है।
किताबें मौजूद, पर नहीं पहुंची बच्चों तक
जिले के
विद्यालय में पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से किताबें पहुंच चुकी हैं, लेकिन स्कैनिंग ऐप और वितरण प्रक्रिया में तकनीकी अड़चनों के कारण आज तक आधे से अधिक किताबें छात्रों को वितरित नहीं की गईं। जिसके चलते कई स्कूलों में पुरानी पुस्तकों के भरोसे ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं।
पोर्टल का सर्वर हो जा रहा डाउन
शिक्षकों ने बताया कि पाठ्य पुस्तक निगम के जिस पोर्टल में जानकारी अपलोड होना है उसमें
पुस्तकों के बारकोड को अपलोड करने में दिक्कत हो रही है। सर्वर डाउन होने के कारण बारकोड स्कैन ही नहीं हो रहा है। ऐसे में बच्चों को बिना स्कैनिंग के पुस्तकों का वितरण ही नहीं कर पा रहे हैं। जिसके कारण पुस्तकों को स्कूल में ही रखा गया है।