कैमरे लगाने से हादसों को रोकने और ट्रैफिक
नियमों का पालन कराने के साथ नियमों का पालन नहीं करने वालों को चिन्हांकित करने में मदद मिलेगी। ताकि उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा सकें। उक्त सभी का उल्लेख करते हुए संभावित दुर्घटनाजन्य स्थानों का ब्यौरा दिया गया है। जहां कैमरे लगाए जाने है। बता दें कि देशभर में 5 लाख की आबादी वाले 132 शहर है। जिसमें सर्वाधिक सड़क हादसे होते हैं।
भेजा जाएगा चालान हाइवे में तेज रफ्तार वाहन चलाने, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट और रांग साइड वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। आईटीएमएस कैमरा के जरिए जनरेट होने वाले ऑनलाइन चालान को वाहन मालिक के मोबाइल पर भेजा जाएगा। इससे नियमों का उल्लंघन और हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।
5 साल में 33700 की मौत राज्य पुलिस के अनुसार पिछले 5 साल में सड़क हादसों से 33700 लोगों की मौत हुई है। उक्त हादसे सबसे ज्यादा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, बलौदाबाजार और महासमुंद जिले में हुए हैं। इसे देखते हुए दुर्घटनाजन्य स्थानों का विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बार निरीक्षण हादसों को रोकने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए। वहीं रोड सेफ्टी से जुडे़ विभागों से रिपोर्ट मंगवाई गई। समीक्षा करने पर पता चला कि अधिकांश हादसे ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने की वजह से हुई है। राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटनाजन्य स्थानों में 24 घंटे ट्रैफिक पुलिस की तैनाती संभव नहीं है। कैमरे लगने के बाद उक्त स्पॉट की 24 घंटे निगरानी रहेगी।
कैमरे लगाए जाएंगे सड़क हादसों को रोकने के लिए आईटीएमएस फेस-2 के तहत रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, बलौदाबाजार और महासमुंद सहित अन्य जिलों के दुर्घटनाजन्य स्थानों में कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
-संजय शर्मा, एआईजी ट्रैफिक