प्रयागराज में नदियों का कहर
प्रयागराज में गंगा और यमुना में आई बाढ़ से शहर के 15 से ज्यादा मोहल्ले पानी से घिर गए हैं। करीब 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शहर का सबसे बड़ा श्मशान घाट दारागंज पानी में डूब चुका है। ऐसे में शवों का अंतिम संस्कार अब श्मशान के बजाय सड़कों पर किया जा रहा है। बुधवार को 13 शवों का अंतिम संस्कार मोरी रोड पर किया गया। प्रयागराज के गंगापार और यमुनापार के कछारी इलाकों के 200 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कई घरों में पानी घुस गया है और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
रौद्र रूप दिखा रही गंगा
वाराणसी में गंगा नदी लगातार बढ़ रही है। नदी का जलस्तर 68.90 मीटर तक पहुंच गया है और वह अब खतरे के निशान से सिर्फ 1.56 मीटर नीचे है। सभी 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और घाट किनारे बने 1000 से ज्यादा मंदिर डूब गए हैं। इनमें प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर भी शामिल है। मान्यता है कि गंगा माता, शीतला माता के चरणों को छूने के लिए इस रूप में आती हैं।
ललितपुर और सोनभद्र में बांधों के खुले गेट
छत्तीसगढ़ और झारखंड में हो रही भारी बारिश का असर उत्तर प्रदेश में भी दिख रहा है। सोनभद्र के कनहर बांध का जलस्तर 256 मीटर तक पहुंच गया, जिससे इसके चार गेट खोलकर 1200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। ललितपुर में गोविंद सागर बांध के जलस्तर में वृद्धि होने पर बुधवार शाम को 8 गेट खोलने पड़े।
सहारनपुर और मिर्जापुर में भी बिगड़े हालात
सहारनपुर में बरसाती नदियां उफान पर हैं। लोग जान जोखिम में डालकर नदियां पार कर रहे हैं।मिर्जापुर में नटवा रेलवे ब्रिज के नीचे पानी भर गया, जिसमें एक सरकारी गाड़ी फंस गई। पानी गाड़ी के अंदर भर गया, जिससे पुलिसकर्मी सीट पर चढ़कर बैठे रहे। बाद में स्थानीय लोगों ने धक्का देकर गाड़ी बाहर निकाली।
तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी
मौसम विभाग ने आज 53 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। उत्तर प्रदेश के कई जिले इन दिनों मानसून के कहर से जूझ रहे हैं। बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने के खतरों के बीच लोगों को सावधानी बरतने और प्रशासन की चेतावनी का पालन करने की