प्रशासनिक अधिकारियों को दी थी धमकी
यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान का है। 3 मार्च 2022 को मऊ में एक चुनावी सभा में अब्बास अंसारी ने मंच से प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद सबका हिसाब किया जाएगा और अधिकारियों को सबक सिखाया जाएगा। अगले ही दिन, 4 मार्च को मऊ कोतवाली में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। यह रिपोर्ट दारोगा गंगाराम बिंद ने लिखवाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया और कार्रवाई की।
मऊ की सीजेएम कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा
31 मई 2024 को मऊ की सीजेएम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई थी और 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उन्होंने इस सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके भाषण को गलत तरीके से पेश किया गया है और ऑडियो सीडी और फॉरेंसिक रिपोर्ट सही नहीं है। हालांकि, हाई कोर्ट की जज समित गोपाल की एकल पीठ ने ट्रायल कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने अब्बास अंसारी से कहा है कि वो सेशन कोर्ट में अपील कर सकते हैं और वहीं सीडी की वैधता को चुनौती दे सकते हैं। अब हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब्बास अंसारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उन्हें अब निचली अदालत के फैसले का सामना करना पड़ेगा।